इटारसी। हमारा गांव, हमारा संगठन ने आदिवासी ग्राम बदकछार, रोरीघाट, खामखेरी, मोहार के लोगो को पुनर्वास के संबंध में प्रभारी मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है।
संगठन का कहना है कि आदिवासी ग्राम बदकछार, रोरीघाट, खामखेरी, मोहारी तहसील पिपरिया जिला नर्मदापुरम के आदिवासी ग्रामवासी वर्ष 2013 से अपने अधिकार की मांग करते आ रहे हैं, परन्तु आज तक ग्रामवासियों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिला। जिससे समस्त ग्रामवासी और आदिवासी समाज में असंतोष और आक्रोश है।
प्रशासन को लगातार बार-बार सूचना देने के बावजूद उचित कदम नहीं उठाया। यह स्थिति न केवल उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है बल्कि राज्य सरकार की जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है जिसके परिणाम स्वरूप प्रशासन को बताकर 10 जनवरी 25 से धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया गया है। संगठन की मांग है कि आदिवासी ग्रामवासियों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए हमें त्वरित न्याय दिया जाए।
संगठन ने आदिवासी ग्राम बदकछार, रोरीघाट, खामखेरी, मोहारी तहसील पिपरिया के निवासियों की सहमति के बिना बताये जमीन से बेदखल किया गया, इसलिये नियमों का पालन करते हुए हमें अपने गांव में बसने दिया जाये। छूट गए सभी बालिग लोगों को पुनर्वास करके 5-5 एकड़ पक्की बही के साथ पचमढ़ी और पिपरिया के बीच भूमि दी जाये, 12 वर्षों का हर्जाना दिया जाये।
पुनर्वास स्थल पर स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, नलकूप, बिजली, हैण्डपंप और पक्की सड़क दिया जाये, आदिवासियों के लिए उनके गाथा स्थल का बहुत महत्व है मरणोपरान्त पटिया रखने का रिवाज है, इसलिये समय-समय पर गाथा स्थल हर्राकोट जाने लिखित अनुमति दिया जाये तथा लापरवाह अधिकारियो के खिलाफ कठोर कार्यवाही किया जाये।