- अखिलेश शुक्ला, लेखक
बरेच कलाकार बॉलिवूडच्या इतिहासात आले आणि गेले, परंतु अशी काही लोक आहेत ज्यांचे नावे ऐकताच चेह on ्यावर हास्य आहे. जॉनी वॉकर उन्हीं में से एक हैं। फ़िल्मों में अपनी जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग के लिए मशहूर जॉनी वॉकर असल जिंदगी में बदरुद्दीन काज़ी थे। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्मों में आने से पहले उन्होंने एक बस कंडक्टर की नौकरी की थी, और वह नौकरी भी उन्होंने एक अनोखी तरकीब से हासिल की थी।
बालपणातील अडचणी आणि संघर्ष
बदरुद्दीन काज़ी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन में ही उनकी बांयी आंख में परेशानी हो गई, जिसके कारण उन्हें हमेशा धुंधला दिखाई देने लगा। इस परेशानी की जड़ एक गलत दवाई थी, जो एक कंपाउंडर की लापरवाही के कारण उनकी आंख में डाल दी गई थी। दुर्भाग्यवश, इस समस्या पर किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, और वे इस समस्या के साथ बड़े हुए।
गरीबी के कारण उन्हें बचपन से ही काम करना पड़ा। छोटे-मोटे कामों से पैसा कमाने के बाद उन्होंने एक स्थायी नौकरी की तलाश शुरू की। बेस्ट बस कंडक्टर बनने का सपना लेकर उन्होंने आवेदन किया, लेकिन एक बड़ी समस्या थी— मेडिकल टेस्ट। चूंकि उनकी बांयी आंख कमजोर थी, उन्हें डर था कि वे टेस्ट में फेल हो जाएंगे और नौकरी हाथ से निकल जाएगी।
स्मृतीची शक्ती आणि अद्वितीय हुशार
बदरुद्दीन काज़ी के पास एक अनमोल तोहफा था—अद्भुत याददाश्त। उन्होंने इस गिफ्ट का इस्तेमाल अपने मेडिकल टेस्ट में किया। मेडिकल जांच से एक दिन पहले, वे बेस्ट दफ़्तर पहुंचे और मेडिकल ऑफिसर की कुर्सी के पास लगे चार्ट को ध्यान से देखना शुरू किया। अपनी दाहिनी आंख से चार्ट को अच्छी तरह से पढ़कर उन्होंने उसे हूबहू याद कर लिया।
अगले दिन जब मेडिकल टेस्ट हुआ, तो डॉक्टर ने पहले उनकी बांयी आंख बंद करवाई और चार्ट पढ़ने को कहा। बदरुद्दीन ने सही-सही जवाब दे दिया। फिर डॉक्टर ने दाहिनी आंख बंद करवाई जिससे उन्हें अपनी कमजोर आंख से पढ़ना था। मगर बदरुद्दीन को पूरा चार्ट याद था! उन्होंने बिना रुके एक सांस में पूरा चार्ट सुना दिया और परीक्षा पास कर ली। इस तरह, एक स्मार्ट ट्रिक की बदौलत उन्हें बेस्ट में नौकरी मिल गई।
बस कंडक्टर ते बॉलिवूड पर्यंत प्रवास
बदरुद्दीन काज़ी ने करीब दो साल तक बस कंडक्टर की नौकरी की। इस दौरान वे अपने मज़ाकिया अंदाज और अनोखे हाव-भाव से यात्रियों का मनोरंजन भी करते थे। उनकी इसी कॉमिक टाइमिंग ने मशहूर लेखक बलराज साहन का ध्यान खींचा। बलराज साहनी ने उन्हें फिल्म निर्देशक गुरुदत्त से मिलवाया, और यहीं से उनकी किस्मत बदल गई।
लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं था। गुरुदत्त जी को प्रभावित करने के लिए बदरुद्दीन को अपनी कॉमेडी का हुनर दिखाना पड़ा। उन्होंने ऐसा शानदार अभिनय किया कि गुरुदत्त ने तुरंत ही उन्हें अपनी फिल्म में एक हास्य भूमिका दे दी। यहीं से बॉलीवुड के सबसे सफल हास्य कलाकारों में से एक बनने की उनकी यात्रा शुरू हुई।
जॉनी वॉकर: नाव कसे होते?
बदरुद्दीन काज़ी जब फिल्म इंडस्ट्री में आए, तो उनका नाम बदलकर ‘जॉनी वॉकर’ कर दिया गया। यह नाम एक मशहूर व्हिस्की ब्रांड से प्रेरित था, क्योंकि वे अक्सर नशे में धुत्त व्यक्ति का किरदार इतनी प्रामाणिकता से निभाते थे कि लोग सोचते थे कि वे असल में शराब के नशे में हैं। इस अनोखे अंदाज ने उन्हें बॉलीवुड में अलग पहचान दिलाई।
चित्रपट कारकीर्द आणि अमर वर्ण
जॉनी वॉकरने बर्याच सुपरहिट चित्रपटांमध्ये अभिनय केला, यासह:
- - प्यासा (१ 195 77) - या क्लासिक चित्रपटातील गुरुदुत्तच्या भूमिकेचे खूप कौतुक झाले.
- - सीआयडी (१ 195 66) - या चित्रपटात, त्याची मजेदार शैली प्रेक्षकांना चांगलीच आवडली.
- - श्री. आणि श्रीमती (55 (१ 195 55) - मधुबाला आणि गुरुदट्ट यांच्याबरोबरची त्यांची कॉमिक वेळ उत्कृष्ट होती.
- - नाया दौर (१ 195 77) - दिलीप कुमारबरोबरच्या त्याच्या जोडीने या चित्रपटाची हत्या केली.
- त्याने 300 हून अधिक चित्रपटांमध्ये अभिनय केला आणि प्रत्येक चित्रपटात प्रेक्षकांना त्याच्या विनोदाने गुदगुल्या केल्या.
जॉनी वॉकरचा वारसा
जॉनी वॉकर ने हास्य अभिनय की एक नई परिभाषा गढ़ी। वे सिर्फ एक कॉमेडियन नहीं थे, बल्कि एक अभिनेता भी थे, जिनकी हर भूमिका में गहराई होती थी। उन्होंने कभी भी सस्ते हास्य या फूहड़ता का सहारा नहीं लिया। उनकी कॉमेडी हमेशा परिवार के साथ बैठकर देखने लायक होती थी।
त्यांचे योगदान केवळ चित्रपटांपुरतेच मर्यादित नव्हते, तर त्यांनी कॉमेडियन्सच्या नवीन पिढीलाही प्रेरित केले. आजही जेव्हा त्याचे चित्रपट पाहिले जातात तेव्हा प्रेक्षकांना हसण्यास भाग पाडले जाते.
निष्कर्ष
जॉनी वॉकर का जीवन हमें यह सिखाता है कि संघर्ष और आत्मविश्वास के दम पर हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनकी याददाश्त की ताकत और समझदारी ने न केवल उन्हें बस कंडक्टर की नौकरी दिलाई, बल्कि बाद में बॉलीवुड में एक अमर हास्य कलाकार के रूप में स्थापित किया। उनकी जिंदादिली, मेहनत और हुनर की वजह से वे आज भी हमारे दिलों में बसे हुए हैं। बॉलीवुड में हास्य अभिनय की जब भी बात होगी, जॉनी वॉकर का नाम जरूर लिया जाएगा।

अखिलेश शुक्ला, लेखक