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ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर मुस्लिम समाज ने जुलूस निकाला

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इटारसी। नगर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-e-Milad-un-Nabi) के मौके पर मुस्लिम समाज ने जुलूस निकाला। जुलूस में सैंकड़ों धर्मावलंबी शामिल हुए। जुलूस में शामिल लोगों को अनेक स्थानों पर स्वागत किया गया।

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ईद-ए-मिलाद उन-नबी के दो जुलूस निकाले गये। एक जुलूस नाला मोहल्ला से हाजी मंजिल होता हुई ईदगाह से रेस्ट हाउस के पास पहुंचा तो दूसरा जुलूस पीपल मोहल्ला से ओवरब्रिज होते हुए रेस्ट हाउस के पास पहुंचा। यहां से दोनों जुलूस एक हो गये और संयुक्त जुलूस निकला।

जुलूस में लहराये गये झंडे

पैगंबर हजरत (Prophet Hazrat) के जन्मदिन के मौके पर निकले जुलूस का समापन अंजुमन स्कूल (Anjuman School), गांधी स्टेडियम (Gandhi Stadium) के पास पहुंचकर हुआ। जुलूस में मुस्जिम समाज के युवा, महिलाएं और बच्चे भी हाथों में धार्मिक और राष्ट्रीय झंडे लेकर शामिल हुए थे। इस्लाम धर्म के लोगों के लिए आज का दिन बहुत खास है। आज ईद-मिलाद-उन-नबी है। यह पर्व इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12 वीं तारीख को मनाया जाता है।

समाजसेवा को प्रेरित करता है

यह खास दिन मुसलमानों को समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है और गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस मौके पर मुस्लिम समाज के लोगों ने मुस्कान संस्था में जाकर वहां के बच्चों के साथ नबी के जन्मदिन के खास मौके पर केक देकर बच्चों के साथ खुशियां बांटी। न्यू यार्ड कमेटी के सदस्यों ने मुस्कान संस्था आकर बच्चों को केक ओर गिफ्ट का वितरण कर ईद मिलादुन्नबी की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर आलिम जाने आलम, शेख इरकान, पंच शेख फारुख, सादिक अहमद, सचिव शेख यूनुस सहित दिनेश मालवीय और राहिल सोनकर उपस्थित थे।

जुलूस का स्वागत किया

मुस्लिम समाज के पवित्र त्योहार ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर निकल गए विशाल जुलूस के दौरान ईदगाह मस्जिद के सदर मुन्ना ((Munna), भाई मस्जिद के पूर्व सदर अफजल (Afzal) भाई एवं इमाम नई ईदगाह मस्जिद (Idgah Masjid) का स्वागत किया गया। इसी तरह से जीन मोहल्ला (Jeen Mohalla) के पास भी जुलूस में शामिल लोगों का स्वागत किया गया।

बच्चों को ईनाम वितरण

न्यास कालोनी स्थित मदरसा फैजाने मुस्तफा में हजरत पैगम्बर मोहम्मद के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में बच्चों को इनाम वितरण किया गया और मुल्क की तरक्की और आपसी सौहार्द शांति के लिए दुआ हुयी। सामजसेवी आरिफ खान चिश्ती ने बताया यह त्योहार शांति का प्रतीक है। पैगमबर मोहम्मद की शिक्षा हर तरह की बुराई से रोकती है, हर वर्ग जाति के लोगों को पैगंबर की जीवनी का एक बार अध्ययन करना चाहिए।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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