वर्किंग मॉडल(Working Model) के माध्यम से बताई फेस मास्क(Face mask) की महिमा
विधायक(MLA) ने किया मास्क की महिमा प्रदर्शनी का उद्घाटन
इटारसी। वर्किंग मॉडल(Working Model) के एक पुतले ने जैसे ही छींका उससे 1 मीटर की दूरी पर खड़ा दूसरा पुतला संक्रमित हो गया और उस पर लिखा आ गया काविड 19।लेकिन जब इन दोनों मॉडल के चेहरे पर मास्क लगा दिये गये तो संक्रमण नहीं हुआ। दूसरे प्रयोग में मॉडल एटीएम(Model ATM) के की बोर्ड को स्पर्श करने के बाद जब आदित्य पाराशर के स्वच्छ दिखने वाले हाथों के संक्रमण की जांच की गई तो पूरी हथेली लाल रंग की हो गई। कुछ इस प्रकार के नवाचारी विज्ञान प्रयोगों को विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर(Science teacher Rajesh Parashar) ने दिखाये।
रेस्ट हाउस(Rest House) प्रांगण में लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा( Dr. Sitasaran Sharma, MLA) ने किया और इन मॉडल के संदेश को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता बताई। इटारसी एसडीएम एम एस रघुवंशी(M.S Raghuwanshi, Itarsi SDM) ने कहा कि इस प्रदर्शनी के द्वारा मास्क और दो गज की दूरी के वैज्ञानिक पक्ष को प्रभावी तरीके से बताया है। इसे शहर में अन्य स्थानों पर भी जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत लगाया जायेगा।
उत्कृष्ट विद्यालय केसला(Excellent School Kesala) के विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर ने स्वयं के व्यय पर यह प्रदर्शनी तैयार की है। उन्होंने कहा कि शासन एवं प्रशासन एवं मीडिया द्वारा मास्क एवं दो गज की दूरी का संदेश तो दिया जा रहा है लेकिन कुछ लोग इसके महत्व को नहीं समझ पाते हैं। वर्किंग मॉडल की मदद से बिना मास्क लगाये या कम दूरी पर रहने से प्रतीकात्मक रूप से संक्रमण को होते लाईव दिखाया जाता है, तो व्यक्ति के मन का संदेह दूर हो जाता है।
आदित्य पाराशर ने कहा कि प्रदर्र्शनी को तैयार करने में एक माह का समय लगा ताकि बिना किसी महंगे उपकरण या प्रयोगशाला के तथा सुरक्षित केमिकल के प्रयोग द्वारा कम शिक्षित लोगों को भी जागरूक किया जा सके। एमएस नरवरिया ने कहा कि यह प्रदर्शनी कोविड की नवीनतम गाइड लाइन का पालन करते हुये इटारसी तथा अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में लगाई जायेगी। इस मॉडल को तैयार करने में एमएस नरवरिया के साथ कैलाश पटेल तथा हरीश चौधरी ने सहयोग किया।
इनका कहना है…
ये पूरी तरह उनका नवाचार है। उनकी जानकारी के अनुसार संक्रमण के फैलाव को सरल तरीके से बताने वाले इसके पहले देश में कहीं भी इस प्रकार की पहल नहीं की गई है।
राजेश पाराशर(Rajesh Parashar), विज्ञान शिक्षक