छप्पनभोग नहीं, सिर्फ मोदक (Modak)से प्रसन्न होते हैं श्रीगणेश (Shri Ganesh)

Post by: Manju Thakur

इटारसी। प्रथम पूज्य, विघ्नहर्ता श्री गणेश  (Shri Ganesh)को मनाना है, तो उनके सामने रसमलाई या कोई भी मिठाई नहीं रखें। उन्हें न तो रसगुल्ला पसंद है, ना ही छप्पनभोग। वे केवल मोदक से ही प्रसन्न हो जाते हैं। तो फिर शनिवार को जब गणेश आपके घर आएं तो उनको प्रिय मोदक (Modak) का भोग लगाकर स्वागत कीजिए। शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए सबसे आसान तरीका है मोदक का भोग।
शहर के बाजार में मिठाई सहित अन्य खानपान की दुकानों पर आज ही से मोदक (Modak)सहित गणेश जी को भेंट करने वाले अन्य प्रसाद उपलब्ध हैं। मोदक भी अलग-अलग प्रकार के बाजार में मिल रहे हैं। इनमें शुद्ध घी से तैयार मोदक, मावा मोदक, गुड़ के मोदक, बेसन के लड्डी, बूंदी के लड्डू और मलाई के लड्डू, ड्रायफूड के लड्डू शामिल हैं। गणेश जी को केला का प्रसाद, खीरा का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। ये भी आज बाजार में बहुतायत में बिके।

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इसलिए भी पसंद है मोदक (Modak)
माना जाता है कि भगवान गणेश को मोदक इसलिए भी पसंद हो सकता है कि मोदक प्रसन्नता प्रदान करने वाली मिठाई है। वे हमेशा प्रसन्नचित रहने वाले देवता हैं और मोदक ही उनको हमेशा प्रसन्न रखता है। ज्यादातर महाराष्ट्रियन घरों में गणेश को मोदक का भोग ही लगाया जाता है। हालांकि नेवैद्य के रूप में लोग मोतीचूर लड्डू और अन्य फल आदि भी प्रसाद के तौर पर भेंट करते हैं। आजकल स्थानीय लोग भी गणेश को मोदक का भोग लगता हैं।

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बाजार में मोदक के दाम
आज से ही बाजार में मोदक की खरीद प्रारंभ हो गयी है। जयस्तंभ (Jaysthambh) के आसपास की दुकानों पर बड़ी मात्रा में मोदक की बिक्री हो रही है।
रेस्टॉरेंट संचालक जयप्रकाश दुबे (Jayprakash Dubey) का कहना है कि उनके यहां घी के मोदक 80 रुपए पाव हैं जबकि बेसन के लड्डू 50 रुपए किलो सादा और घी के 100 रुपए किलो, मोतीचूर के लड्डू सादा 50 रुपए और शुद्ध घी का 100 रुपए, मलाई लड्डू 120 रुपए और ड्रायफूड के लड्डू 140 रुपए पाव हैं।

जयस्तंभ के पास एक अन्य दुकान पर गुड़ के मोदक 40 रुपए और मावा मोदक 80 रुपए पाव है। केला के दाम 30,40 और 50 रुपए दर्जन हैं।

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