अब इंटरनेशनल पहचान बनेगी रेशम केन्द्र मालाखेड़ी की

Rohit Nage

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  • रेशम के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा, इसके हर संभव उपाय किए जाएंगे

नर्मदापुरम। उम्दा किस्म के रेशम (Resham) के लिए प्रसिद्ध नर्मदापुरम जिले (Narmadapuram District) के मालाखेड़ी की पहचान अब इंटरनेशनल स्तर पर बनेगी। यहां के रेशम के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) ने रेशम उत्पादन केन्द्र मालाखेड़ी का भ्रणम कर इसके संकेत दिये हैं।

उन्होंनने रेशम कार्य में संलग्न सभी हितग्राही महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मालाखेड़ी के रेशम केन्द्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का निर्यात सेंटर एवं दवाईयों का उत्पादन केन्द्र बनाया जाएगा, इसके लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे। श्री जायसवाल ने रेशम केन्द्र मालाखेड़ी को दवाईयों का उत्पादन केन्द्र बनाने के लिए कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद दर्शन सिंह चौधरी (Darshan Singh Chaudhary) राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया (Smt. Maya Narolia) उपस्थित थे।

श्री जायसवाल ने वायलर सोलर पावर जनरेशन प्लान्ट चालू किया एवं एफएमएस आधारित दवाई निर्माण हेतु तैयारियों का जायजा लिया। कवर्ड ककून मार्केट का प्रारंभ कर अवलोकन किया। उन्होंने मलबरी रेशम धागाकरण, मलबरी ट्विस्टिंग इकाई, मूंगा रेशम धागाकरण इकाई, रेशम वस्त्र बुनाई, डिजायनर हेतु प्राकृत शोरूम का शुभारंभ किया। मंत्री श्री जायसवाल ने बताया कि सारंगपुर कोसा बीज केन्द्र का विकास होगा, एवं पचमढ़ी में सोम के वृक्ष लगाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि रेशम केन्द्र मालाखेड़ी में पुरानी मशीन की मरम्मत की जाएगी।

यहां पर रेशम एम्ब्रायडरी सेंटर का विकास किया जायेगा तथा ग्राहकों के लिए नवीन वस्त्रों, नई डिजाइनों के लिए कार्य किया जाएगा। श्री जायसवाल ने बताया कि रेशम केन्द्र में लगे सभी पौधरोपण की फेंसिंग की जायेगी एवं शोरूम का विकास किया जावेगा। बंद पड़े सोलर सिस्टम को ठीक किया जाएगा तथा सिंचाई पम्पों को सोलर से जोड़ा जायेगा। पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु ईएमएस आधारित व्यवस्था की जाएगी ।

उन्होंने बताया कि सिल्क टूरिज्म का विकास करते हुये स्थानीय रोजगार सृजित किए जायेंगे। जिससे फेडरेशन की आय में वृद्धि होगी। पुराने भवनों को बहुउद्देशीय रेशम केन्द्रों में परिवर्तित किए जायेंगे और वहां पर प्रशिक्षण की गतिविधियां प्रारंभ की जायेंगी। लोगों को रोजगार दिया जाएगा। भारत सरकार के कृषि एवं वस्त्र और पर्यटन मंत्रालय से एडीबी लेख प्राप्त करने का प्रयास होगा।

उन्होंने बताया कि मालाखेड़ी, मढ़ई, एवं पचमढ़ी सतपुड़ा रीजन को पेशेविक रेशम विकास केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। मंत्री श्री दिलीप जायसवाल एवं पिपरिया विधायक ठाकुर दास नागवंशी ने मटकुली रेशम केंद्र में शहतूत के पौधों का रोपण किया।

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