इटारसी। बिहारी कालोनी के निवासियों ने कतिपय किसानों के आवेदन पर राजस्व विभाग द्वारा की गई भूमि की नापजोख पर आपत्ति उठाते हुए उच्चाधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। कालोनी के निवासियों का कहना है कि उन बड़े किसानों के दबाव में उनके पारंपरिक रास्ते और सरकारी हैंडपंप को निजी भूमि पर नाप दिया गया।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत पथरोटा के वार्ड 01 बिहारी कालोनी में 03 दिसंबर, 2024 को हुई (खसरा संख्या 37/1, आदि की नपती के संबंध में यहां के निवासियों ने ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज की है। स्थानीय निवासियों के अनुसार आरआई, पटवारी और कोटवार ने नेशनल हाईवे 69 से लेकर तवा मुख्य नहर के किनारे सीमेंट के किनारे तक के एक बड़े किसान के आवेदन के जवाब में जांच कर भूमि का सीमांकन शुरू किया।
हमारी आपत्ति लेने के बाद उन्होंने खसरा 37/1 का सर्वे किया जिसका मिलान वर्तमान डिजिटल और पटवारी के पेपर के नक्शे से नहीं हुआ। इस पूरे सर्वे के दौरान कुछ बड़े किसान इस टीम के साथ साथ चलते रहे और उन पर दबाव बनाते रहे कि इधर से नापो, उधर से नापो। शाम होते होते इस सर्वे दल ने जो नपती की है उस पर कालोनी के लोगों ने आपत्ति की है कि यह उनके खसरे के अधिक भूमि की नपती हुई है। इनके रकबे से हजारों वर्ग फीट से भी अधिक नापे गए, जो शासकीय भूमि हो सकती है।
इस नपती के बाद हमारे पारंपरिक रास्ते या तो बंद हो गए या फिर संकरे कर दिये गए हैं और हमारे क्षेत्र का एक सरकारी हैंड पंप भी एक बड़े किसान की भूमि पर नाप दिया गया है। सर्वे टीम ने सरकारी जरीब / चैन से नापा तो आम जनता कुछ भी समझ नहीं पायी किसको कितने स्कवेर फीट शासन की भूमि उनके रकबे में दे दी गयी। साथ ही, पुराने सभी घरों की भूमि को इसी खसरे 37/1 के अतिक्रमण का हिस्सा बता दिया जिससे कई घरों की भूमि और भवन को चिन्हित भी कर दिया जिसकी हमें आपत्ति है।
बिहारी कालोनी के निवासियों ने प्रतिदिन बढ़ती जा रही समस्या का हल कलेक्टर एवं एसडीएम इटारसी की निगरानी में उचित समयपूर्व सूचना किसी अनुभवी एवं नए सर्वे दल से कराने की मांग की है। साथ ही बंद हुये रास्तों को खुलवाने और पुरानी भूमि और भवन-स्वामियों को राहत प्रदान करने की मांग की है।