होशंगाबाद। नर्मदा आव्हान सेवा समिति(Narmada Awahan seva samiti) होशंगाबाद द्वारा ऑनलाइन कवि सम्मेलन(Online Kavi sammelan) का आयोजन किया गया। जिसमें देश के विभिन्न अंचलों से आंमत्रित कवियों ने ओज, हास्य, व्यंग्य की कविता प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। होशंगाबाद की रक्षा पुरोहित की सुमधुर कोकिलकंठी स्वर के साथ सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन शुभारंभ हुआ।
कवि सम्मेलन मे सिवनी की कवियत्री सरिता सिंघई ने ऐ री सखि मैं प्रेम दिवानी, पिया मोरो जब घर आयेगें। राह बिछाऊं पलक पावड़े, चिलमन जब वो सरकायेगें। अंग.अंग में रंग में भर के मैं, मस्त कलंदर हो जाऊँगी। बैतूल के रमन सिंह कीर ने कहा कीष्रमन सिंह कीर बैतूल ने जिसका मन जितना निर्मल हो वो उतना ही निर्मल होगा।
दिल्ली से युवा कवियत्री मनीषा सक्सेना ने कहा की वो मुझमे डूबकर अपना ठिकाना भूल जाता है, मुझे जब देखता है तो जमाना भूल जाता हैं। बैतूल के रविंद्र उपाध्याय ने कहा मैं एक प्राइवेट शिक्षक हूं, पहले मैं लेता था बच्चों के इम्तिहान अब जिंदगी मेरे ले रही है। कवि सम्मेलन में रक्षा पुरोहित, बाबई से महेश सोनी, बरेली के रविंद्र उपाध्याय, जबलपुर के आशा पांडे सहित सभी कवियों ने प्रस्तुती दी। आभार प्रदर्शन समिति प्रमुख किशोर करैया ने दिया।