इटारसी। नेशनल हाईवे 46 (National Highway 46) पर सुखतवा नदी (Sukhtwa River) पर बना पुल कल ढह जाने के बाद यातायात बंद हो गया था। प्रशासन ने नागपुर-बैतूल (Nagpur-Betul) से शेष हिस्से का संपर्क टूट जाने के बाद रातभर यहां वैकल्पिक मार्ग के लिए काम कराया। आज सुबह सेना की 58 इंजीनियरिंग कोर बैरागढ़ (58 Engineering Corps Bairagarh) की टीम भी सुखतवा पहुंच गयी।
आज सुबह से सेना की टीम ने टूटे हुए ब्रिज की तकनीकि तौर पर पड़ताल की और आगे की संभावनाएं तलाशीं। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी मदन सिंह रघुवंशी (Sub-Divisional Officer Madan Singh Raghuvanshi) और एनएचएआई (NHAI) के अधिकारी भी साथ में रहे। इधर प्रशासन ने सारी रात टूटे पुल के थोड़ा आगे से वैकल्पिक मार्ग के लिए काम प्रारंभ किया। यहां पाइप डालकर फिलहाल छोटे वाहन निकालने के लिए मार्ग तैयार किया जा रहा है। इस ब्रिज की महत्ता इसलिए भी अधिक मानी जा सकती है कि लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए आर्मी से मदद मांगी है।
लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने आर्मी के सब एरिया कमांडर (Sub Area Commander) को खत लिखकर एनएच-46 पर यातायात बहाली के लिए एक बेली ब्रिज (Bailey Bridge)चालू कराने की व्यवस्था करने का निवेदन किया है।
दरअसल, यहां इटारसी और केसला में आर्मी के रक्षा प्रतिष्ठान होने से इस ब्रिज का बनना भी बहुत जरूरी है। केसला गांव, इटारसी से लगभग 20 किलोमीटर दक्षिण की ओर के पास एनएच-46 के इटारसी-बैतूल खंड पर 11 अप्रैल 2022 की दोपहर में 12 मीटर + 25 मीटर + 12 मीटर की अवधि की व्यवस्था वाला एक सिंगल लेन (4.75 मीटर चौड़ा) पुराना आर्क ब्रिज ढह गया है। भोपाल-नागपुर कॉरिडोर (Bhopal-Nagpur Corridor) पर सिंगल लेन ब्रिज (Single Lane Bridge) पर अधिक वजन की खेप की आवाजाही के कारण इसका 25 मीटर स्टील ट्रस का केंद्रीय विस्तार ढह गया है।
दस माह का वक्त लगेगा नये पुल में
राजमार्ग के इस खंड का रखरखाव एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है और एनएचएआई द्वारा एक नए 4 लेन पुल की योजना बनाई और स्वीकृत की जा चुकी है। 51 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, लेकिन यातायात बहाल होने में करीब 10 महीने का समय लगेगा। इस अवधि के दौरान एक बरसात के मौसम से भी निपटना पड़ता है। चूंकि, इटारसी और केसला में रक्षा प्रतिष्ठान है, इसलिए, अनुरोध किया है कि, बीआरओ (BRO) या उपयुक्त एजेंसी को कृपया निर्देशित किया जाए। एनएच-46 पर यातायात की बहाली के लिए युद्ध स्तर पर एक बेली ब्रिज चालू करें।
40 टन क्षमता का होगा बेली ब्रिज
एसडीओ राजस्व मदन सिंह रघुवंशी ने बताया कि आर्मी की इंजीनियरिंग टीम फिलहाल ब्रिज का सर्वे कर रही है। जो ब्रिज टूटा है, उसी पर एक बेली ब्रिज तैयार करने की संभावना तलाश की जा रही है। यह बेली ब्रिज 40 टन भार क्षमता का हो सकता है जिस पर रूटीन के वाहन बस, कार, डंपर आदि निकल सकें। कल जो ट्राला निकला था, उस तरह के वाहन इस पर से नहीं निकल सकेंगे। अलबत्ता रूटीन के वाहन निकालकर व्यवस्था बहाल करने के लिए आर्मी तैयारी कर रही है।