विद्युत विभाग की कंडम व्यवस्था के आगे पक्ष विपक्ष पस्त

Post by: Rohit Nage

  • – खराब उपकरण और तारों को बदलने की जरूरत

शोभापुर। विद्युत व्यवस्था (electrical system) की कंडम व्यवस्था के आगे न तो सत्ता पक्ष की चल पा रही है, ना ही विपक्ष के धरने ज्ञापन काम आ रहे हैं। 7-8 वर्ष पुराने और डुप्लीकेट (duplicate) उपकरणों और तारों के कंडम हालत के कारण हर घंटे लाइट ट्रिपिंग होना और उसके सुधार में 6-6 घंटे लाइन मैनो को लगते हैं। यदि यह ट्रिपिंग (tripping) दिन में हो तो सुधार कार्य भी संभव है, लेकिन यदि दुर्भाग्यवश ये समस्या आधी रात के बाद हो समझ जाए तो लाइट 12 घंटे के पहले नहीं आने वाली और इस दौरान आम आदमी अच्छा खासा परेशान होता है।

परेशान नागरिकों द्वारा अपने-अपने नेताओं के माध्यम से बिजली विभाग का घेराव भी किया जाता है, लेकिन नतीजा फिलहाल शून्य ही नजर आता है,क्योंकि व्यवस्थाओं को सुधारने वालों के बीच हमारी कोशिश जनता की समस्याओं के समाधान के रूप में न होकर राजनैतिक हित चिंता ज्यादा नजर आती है।

दरअसल विद्युत व्यवस्था में ट्रिपिंग, फाल्ट और इसके पीछे अघोषित कटौती एक विषाक्त के रूप में उभर कर मानी जा रही है। लेकिन सरकार में बैठे जन प्रतिनिधियों का न तो अधिकारियों पे कोई लगाम नजर आता है, ना ही दिए निर्देशों का असर तो वहीं विपक्ष भी कम नहीं है। विपक्ष के नाम पर अंतर्कलह से घिरी राष्ट्रीय पार्टी के कुछ कद्दावर इसलिए सामूहिक रूप से विरोध दर्ज करने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं इस विषय को लेकर यदि समाधान होता है तो कहीं टिकट वितरण में इसका फायदा संबंधित उम्मीदवार को ना हो जाए।

दुर्भाग्य की राजनीति के कटघरे में खड़ा शोभापुर क्षेत्र ठप विद्युत व्यवस्था के आगे असहाय नजर आता है, जबकि यह वो समय है जब पार्टियों के प्रतिनिधियों को बढ़ चढ़ कर जनता के साथ खड़ा होकर जनता का शुभ चिंतक बनना चाहिए, लेकिन लोकतंत्र में खरीद फरोख्त के समय ये चिंता कुछ नहीं है। कारण यही है कि आज महीनों बाद न तो खराब सड़े गले तार बदलने की कवायद विभाग द्वारा की गई ना ही रद्दी उपकरणों को बदलने के प्रयास तेज हुए हैं।

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