इटारसी। श्राद्ध पक्ष में पितरों की शांति के लिए भागवत कथा का मूल पाठ करना चाहिए। यह बात श्रीमद् भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) वाचक शुभम तिवारी (Shubham Tiwari) ने मालवीयगंज (Malviyaganj) में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं से कही।
श्री तिवारी ने श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस धुंधकारी का उद्धार कैसे हुआ, इसका वर्णन अपनी कथा में किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि पितरों को मोक्ष की प्राप्ति कैसे हुई। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का मूल पाठ में 18000 श्लोक, 335 अध्याय, 12 स्कंद का पाठ करने से सात पीढ़ी तर जाती हैं। उन्होंने कथा के दौरान जीवन का सार भी बताया।