पंच परमेश्वर नाटक रंग कर्मियों के दमदार अभिनय से सफल हुआ

Post by: Rohit Nage

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इटारसी। भारत (Bharat) की सनातन परंपरा में निष्पक्ष न्याय व्यवस्था का सर्वोपरी स्थान रहा है। इसी बात को रेखांकित करती हुई कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद (Katha Samrat Munshi Premchand) की एक कालजई कहानी पंच परमेश्वर (Story Panch Parmeshwar) है। मुंशी प्रेमचंद की इस कहानी का नाट्य रूपांतरण नर्मदांचल (Narmadanchal) के प्रख्यात रंगकर्मी एवं निर्देशक कर्मवीर सिंह (Karmaveer Singh) ने संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली (Sangeet Natak Akademi New Delhi) के सहयोग एवं कर्मवीर जन शिक्षण एवं सांस्कृतिक समिति के माध्यम से कवि भवानी प्रसाद मिश्र ऑडिटोरियम (Kavi Bhawani Prasad Mishra Auditorium) में कलाकारों के दमदार अभिनय की प्रस्तुति के साथ मंचित किया, जो सभागार में भारी संख्या में उपस्थित दर्शकों के हृदय पर अमिट छाप छोड़ गया।

नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे (Municipal President Pankaj Chaure) एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्रीमती रितु मेहरा ( Chief Municipal Officer Smt. Ritu Mehra) के दीप प्रज्वलन के साथ नाटक पंच परमेश्वर आरंभ हुआ। ‘पंच परमेश्वर’ एक आदर्श को जीती-जगाती कहानी है। इसका अमर वाक्य, ‘क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे’ आज भी हमारी न्याय-बुद्धि की कसौटी बना हुआ है। पंच, परमेश्वर के समान होते हैं। उनके सामने कोई छोटा-बड़ा, मित्र-शत्रु इस कदर भेद नहीं होता। वे सत्य का पक्ष लेते हैं।

बिल्कुल तटस्थ होकर न्यायदान का कार्य करते हैं। पंच जो सुनाता है वह उसकी देववाणी होती है। पंच परमेश्वर नाटक में बूढ़ी खाला (जुम्मन की मौसी) अंजना राय, जुम्मन शेख कुलदीप रघुवंशी, अलगू चौधरी लोकेश पवार, संजू साहू क्रिस शर्मा, जुम्मन शेख की पत्नी रोशनी कुशवाहा, चेला शिव रघुवंशी, बैल रौनक पाटकर, अन्य ग्रामीण बलवीर सिंह, हिमांशु शाक्य के दमदार अभिनय की भारी सराहना की हुई।

नाटक में गीतों एवं संगीत का नया प्रयोग किया गया जिसे दर्शकों की भारी सराहना मिली। वाद्य यंत्र पर लक्ष्मी नारायण भौंसले एवं संगीत निर्देशन माधव सिंह का रहा। मंच परिकल्पना कुंदन सारंग, मंच निर्माण एवं सह प्रयोग प्रियंका नागर, मोहम्मद अफाक, प्रबंध समन्वय नीरज सिंह चौहान, उद्घोषक ब्रजकिशोर पटेल एवं राजकुमार दुबे का विशेष सहयोग रहा।

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