पं बृजमोहन दीक्षित की काव्यकृति बोलती परछाइयां का विमोचन

Post by: Rohit Nage

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पगारे माता पिता की स्मृति को बनाये हुए हैं : डॉ शर्मा
इटारसी।
श्रीमती शांति देवी महादेव पगारे समिति (Smt. Shanti Devi Mahadev Pagare Samiti) द्वारा आयोजित पं. बृजमोहन दीक्षित (Pt. Brijmohan Dixit) द्वारा रचित काव्यकृति बोलती परछाइयां का विमोचन सोमवार को श्री प्रेम शंकर दुबे स्मृति पत्रकार भवन (Mr. Prem Shankar Dubey Smriti Patrakar Bhawan) में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक डॉ सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma) ने कहा कि बृजमोहन दीक्षित का इटारसी शहर में होना सौभाग्य की बात है। उनके द्वारा लिखित इस पुस्तक में भक्ति, प्रेम और शांति का समायोजन है। शुरुआत गुरुभक्ति से और अंत में दर्शनशास्त्र की बात कही गयी है। उक्त कृति में छायावाद की झलक देखने को मिलती है। साथ ही डॉ शर्मा ने कहा कि ऐसे कम ही परिवार हैं शहर में जो अपने परिजनों की स्मृतियों को बनाये हुए हंै। इन्ही में से एक नाम प्रमोद पगारे है, जो अपने माता पिता शांतिदेवी महादेव पगारे की स्मृति में साहित्य, समाज और धर्म के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।

इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे (Municipal President Pankaj Chaure), जिला सर्व ब्राम्हण समाज अध्यक्ष जितेंद्र ओझा (District Sarva Brahmin Samaj President Jitendra Ojha), वरिष्ठ समाजसेवी एवं उद्योगपति सुधीर गोठी, शिवभूषण पांडेय, कैलाश शर्मा, प्रमोद अग्रवाल, सतीश अग्रवाल सांवरिया, अंतर्राष्ट्रीय कवि राजेन्द्र मालवीय आलसी, साहित्यकार विनोद कुशवाह, अधिवक्ता अशोक शर्मा, डॉ. केसी साहू सहित शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भगवान नित्यानंद संगीत विद्यालय (Bhagwan Nityanand Sangeet Vidyalaya) के प्राचार्य शरद दीक्षित( Principal Sharad Dixit) के निर्देशन में गायक कलाकार तनिष्का शर्मा, तबला संगत पर विवेक परसाई, सिंथेसाइजर पर अरुण सोनी एवं हारमोनियम पर शरद दीक्षित ने मधुर गीतों की प्रस्तुति दी।

स्वागत उद्बोधन में समिति के अध्यक्ष प्रमोद पगारे ने समिति द्वारा किये जाने वाले धार्मिक, समाजिक, शैक्षणिक कार्यों की जानकारी सभी को दी और कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। बोलती परछाइयां के लेखक बृजमोहन दीक्षित ने अपने उद्बोधन में कहा कि उन्हें मंच से बोलना नहीं आता लेकिन मन में आने वाली रचनाओं को गीत, कविता का रूप देने में वह माहिर हैं। विमोचन के बाद समिति की ओर से अथितियों में पं दीक्षित जी का शॉल श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम के अतिथि जितेंद्र ओझा एवं नपाध्यक्ष पंकज चौरे ने भी संबोधित किया। संचालन पत्रकार भूपेंद्र विश्वकर्मा ने एवं आभार प्रदर्शन शरद दीक्षित ने किया।

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