- बाजार में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा, ज्यादातर दुकानें खुली रहीं
- दोपहर 12 बजे के बाद जब रैली निकल गई, लगभग सारा बाजार खुल गया
इटारसी। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के आह्वान पर आज भारत (India) बंद का यहां आंशिक असर देखा गया। सुबह के शुरुआती समय में कुछ दुकानें बंद रहीं, लेकिन दोपहर 12 बजे तक लगभग सारी दुकानें खुल गयी थीं। दोनों वर्गों की रैली पुरानी इटारसी (Old Itarsi) से जयस्तंभ चौक (Jaistambh Chowk) पहुंची जहां तहसीलदार सुनीता साहनी (Tehsildar Sunita Sahni) को ज्ञापन दिया गया। इस दौरान एसडीओपी महेन्द्र सिंह चौहान (SDOP Mahendra Singh Chauhan) के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल (Police Force) मौजूद रहा।
दरअसल, व्यापारी संगठनों का कहना था कि किसी भी प्रकार के बंद में पहले व्यापारियों से बातचीत करके उनको भरोसो में लिया जाता है, ऐसा नहीं किया गया। अत: एक दिन पूर्व शाम को ही सोशल मीडिया (Social Media) पर व्यापारी संगठनों ने बंद से स्वयं को दूर रखते हुए सभी से अपने प्रतिष्ठान खोलने को कह दिया था। लेकिन, कुछ लोगों ने सुबह इस वर्ग की रैली का इंतजार किया और रैली निकालने तथा ज्ञापन देने के बाद शेष दुकानें भी खोल ली गईं।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की आरक्षण बचाओ रैली आज सुबह पुरानी इटारसी स्थित शनि मंदिर (Shani Mandir) के पास से प्रारंभ हुई और शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई जयस्तंभ चौक पर पहुंची। यहां रैली का नेतृत्व कर रहे दिलीप मैना (Dilip Maina) ने कहा कि बाबा साहब का दिया मूल निवासियों का अधिकार बचाने यह रैली की गई है। हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे वर्गवाद फैलेगा, हमारी मांग है कि कोर्ट इस पर पुनर्विचार करे और इस फैसले को निरस्त करे।
हजारों वर्ष मानव विरोधी ताकतों ने हमें नारकीय जीवन जीने को मजबूतर किया है, बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान बनाकर भारी के मूलनिवासियों को मानवीय जीवन जीने का अधिकारी दिया जिसमें समानता, शिक्षा एवं छुआछूत मिटाने, सामाजिक समानता लाने कानून बनाया जिससे दोनों वर्र्गों का कुछ विकास हुआ है। अब कोटे के अंदर कोटा करके अनूसूचित जाति और जनजाति में जाति विभाजन करके आरक्षण को खत्म करने की पहल है, हम कोर्ट से इस पर पुनर्विचार करके इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।