काव्य गोष्ठी में कवि और श्रोता सबका सम्मान

Post by: Poonam Soni

Bachpan AHPS Itarsi

कविता के माध्यम से इटारसी में मेडिकल कॉलेज खोलने की कवियों ने की मांग

इटारसी। श्री प्रेमशंकर दुबे स्मृति (Shri Premshankar Dubey Smriti) पत्रकार भवन में कवि गुलाब भूमरकर के संयोजन में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती एवं गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हुई काव्य गोष्ठी में स्थानीय कवियों के साथ अनेक अंचलों से आये कवियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर साहित्यिक अभिरुचि रखने वाले अनेक श्रोता भी उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि सिवनी बनापुरा से आये वरिष्ठ साहित्यकार माखनलाल मालवीय रहे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुशवाहा ने की। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राम वल्लभ गुप्त थे। विद्या दायिनी मां सरस्वती एवं अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण से काव्य गोष्ठी का शुभारंभ हुआ। संयोजक गुलाब भूमरकर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कवि एसआर धोटे ने अमर शहीदों का संदेश, मेरा देश मेरा वेश रचना का पाठ किया। मशहूर शायर एवं गजलकार सतीश शमी ने हिंदुस्तां पे कोई आंख उठाएगा, भारत का बच्चा-बच्चा अपनी जां लुटाएगा से समां बांध दिया। मदन बड़कुर तन्हाई ने बेवफा बावफा नहीं होता इश्क सबका खुदा नहीं होता, झांसी से पधारे लोकगीतकार जगदीश डबरया ने ले चलो पिया साथ गांव तुम्हारे, शहर नहीं रहना मन में हमारे रचना के माध्यम से सबका मन मोह लिया।

कार्यक्रम में इटारसी मेडिकल कॉलेज मुहिम के संस्थापक समूह के सदस्य अवनीन्द्र दुबे ने अपनी रचना हम न मांगे कोई बड़ा मैदान, न मांगे कोई और बड़ा सम्मान, मेडिकल कॉलेज खुलवा करके, बढ़ा दो मेरे नगर का मान का पाठ करके सबको भाव विभोर कर दिया। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से उपस्थित साहित्यकारों एवं श्रोताओं से मेडिकल कॉलेज खोलने की मुहिम के लिए समर्थन मांगा। जिसकी बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। गीतकार गुलाब भूमरकर ने भी मेडिकल कॉलेज खोलने की मुहिम के समर्थन में लिखा अपना गीत मेडिकल कॉलेज की सौगात से मिलेगी नई पहचान सुनाया। साहित्यकार विनोद कुशवाहा ने कहा कि ऐसा अद्भुत संयोजन एवं माहौल उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने इटारसी में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की मुहिम के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर राधा मैना, सौरभ दुबे, राजेश गुप्ता, राजेन्द्र भावसार सागर, सुनील जनोरिया, विनोद दुबे बिंदु, भगवानदास बेधड़क, चिरकुट भोपाली, बृजमोहन सिंह सोलंकी, रवि भाई सूर्या, श्याम अजनेरिया, लखनलाल मालवीय, नर्मदा प्रसाद मालवीय, हसन नजमी ने अपनी काव्य रचनाओं की प्रस्तुति दी। संचालन विकास उपाध्याय ने एवं आभार प्रदर्शन राजेश दुबे ने किया।

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