इटारसी। रेल परिचालन की सफलता केवल तकनीकी ढांचे पर निर्भर नहीं होती, बल्कि उसे वास्तविक धरातल पर कार्यान्वित करने वाले लोको पायलट्स और रनिंग स्टाफ के समर्पण, सजगता और प्रशिक्षण पर भी उतनी ही निर्भरता होती है। भोपाल मंडल द्वारा ट्रैक्शन रोलिंग ऑपरेशन्स (TRO) विभाग के माध्यम से ऐसे कर्मचारियों के लिए अनेक संरक्षा-उन्मुख प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे रेल यात्रियों की सुरक्षा और समयबद्धता सुनिश्चित की जा सके।
सिम्युलेटर प्रशिक्षण से सुरक्षा में सुधार
भोपाल मंडल में स्थापित आधुनिक लोको सिम्युलेटर के माध्यम से वर्ष 2024-25 में 775 लोको पायलट्स को वास्तविक परिस्थितियों जैसे कोहरा, धुंध, आग, जर्क, लर्क, IBH फेलियर, लूप लाइन स्पीड, हॉट एक्सल आदि की स्थिति में ट्रेनों को नियंत्रित करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का प्रभाव प्रत्यक्ष रूप से देखा गया, जिसके तहत
- SPAD (Signal Passed at Danger) की घटनाएं शून्य रहीं।
- लोड पार्टिंग जैसी गंभीर घटनाएं नहीं हुईं।
- ALP द्वारा RS वाल्व संचालन, सिग्नल कॉलिंग जैसे व्यवहार में सुधार देखा गया।
रनिंग रूम में दी गई आधुनिक सुविधाएं

- रनिंग स्टाफ की भलाई और विश्राम के लिए मंडल में स्थित 6 रनिंग रूम्स में व्यापक सुधार किए गए हैं।
- इटारसी रनिंग रूम में चार बेड वाले कमरों में दो बेड पार्टीशन और बेहतर वेंटिलेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
- सभी रनिंग रूम्स में ओपन जिम, सुन्दर गार्डन, और विश्राम हेतु शांत वातावरण सुनिश्चित किया गया है।
- गुना रनिंग रूम में बुफे सिस्टम से समय पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
मानसिक और पारिवारिक संतुलन पर विशेष ध्यान

भोपाल मंडल में लोको पायलट्स और उनके परिवारजनों के मानसिक संतुलन व संवाद हेतु 4 फैमिली सेमिनार आयोजित किए गए, जिनमें परिवार की भूमिका, तनाव प्रबंधन और संतुलित जीवनशैली पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, 5 नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से रनिंग स्टाफ को रेलवे संरक्षा, सावधानियों और आपात स्थिति में अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के प्रति जागरूक किया गया।
निरंतर प्रशिक्षण एवं निरीक्षण प्रणाली
वर्ष 2024-25 से मंडल के DTC/इटारसी में ही Refresher Courses प्रारंभ किए गए हैं, जिससे लोको पायलट्स को बाहरी मंडलों में भेजने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। अब तक 90 लोको पायलट्स इस कोर्स के अंतर्गत प्रशिक्षण ले चुके हैं। इसके अलावा, 54 CLI (Crew Loco Inspectors) द्वारा रनिंग स्टाफ की नियमित निगरानी, मार्गदर्शन और संरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की जा रही है।
संरक्षा सजगता का व्यवहारिक उदाहरण
मंडल में कार्यरत लोको पायलट्स की सजगता से संभावित दुर्घटनाओं को समय रहते टालने के कई उदाहरण सामने आए हैं। सही समय पर ब्रेकिंग, सिग्नल पहचान, अनियमितताओं की सूचना आदि ने यात्रियों की संरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संरक्षा उन्मुख प्रशिक्षण, मानसिक और पारिवारिक सहयोग, और कार्यस्थल पर सुविधाओं का समन्वय रनिंग स्टाफ को कार्यक्षेत्र में और अधिक दक्ष, सजग एवं प्रभावी बना रहा है। यात्रियों की संरक्षित और सुगम यात्रा के लिए यह एक निर्णायक पहल है।