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उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना से बेरोजगारी (Unemployment) होगी कम

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उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (production based incentive scheme) का आरंभ 11 नवंबर 2020 को किया गया था। जिसके अंतर्गत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत अगले 5 साल में दो लाख करोड़ रुपए 10 प्रमुख क्षेत्रों पर खर्च किए जाएंगे। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना 2021 के माध्यम से घरेलू विनिर्माण की बढ़ोतरी होगी तथा आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात बढ़ेगी। जिससे कि इक्नॉमी बेहतर होगी। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के माध्यम से बेरोजगारी दर (Unemployment rate) में भी गिरावट आएगी। सरकार द्वारा यह जानकारी दी गई है कि इस योजना पर 1,45,980 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत अभियान (self-reliant India campaign) को भी बढ़ावा मिलेगा तथा उत्पादन को बढ़ोतरी मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत 25 फ़ीसदी कॉरपोरेट टैक्स रेट में भी कटौती की जाएगी।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सेक्टर
• फूड प्रोडक्ट्स
• सोलर पीवी माड्यूल
• व्हाइट गुड्स
• स्पेशलिटी स्टील
• एडवांस केमिकल सेल बैटरी
• इलेक्ट्रॉनिक एंड टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स
• ऑटोमोबाइल और ऑटो कॉम्पोनेंट्स
• फार्मास्यूटिकल ड्रग्स
• टेलीकॉम एंड नेटवर्किंग प्रोडक्ट
• टेक्सटाइल उत्पादन

योजना के बारे में
PLI योजना के तहत उत्पादन इकाइयों को उनके सकल उत्पादन पर 5 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि देय होगी, किंतु यह राशि तभी देय होगी जब उत्पादन में प्रतिवर्ष या लगातार वृद्धि हो रही हो।

महत्त्व

  • उपरोक्त चुनिंदा क्षेत्रों में PLI योजना भारतीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाएगी।
  • महत्त्वपूर्ण प्रतिस्पर्द्धी और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करेगी। इसके अलावा बड़े पैमाने पर निर्यात के बढ़ने की संभावना है।
  • भारत का लक्ष्य वर्ष 2025 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की है। इसके अतिरिक्त, भारत में डेटा स्थानीयकरण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, स्मार्ट सिटी और डिज़िटल इंडिया जैसी परियोजनाओं के लिये सरकार की ओर से होने वाले प्रयास से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है। PLI  योजना से भी भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
  • ऑटोमोबाइल्स उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। PLI योजना भारतीय ऑटोमोबाइल्स उद्योग को और अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाएगी तथा भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र के वैश्वीकरण को बढ़ावा देगा।
  • भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग परिमाण की दृष्टि से विश्व में तीसरा सबसे बड़ा और मूल्य की दृष्टि से 14वाँ सबसे बड़ा उद्योग है। यह वैश्विक स्तर पर निर्यात की जाने वाली कुल ड्रग्स और दवाओं में 5% का योगदान करता है। भारत में फार्मास्यूटिकल्स के विकास और विनिर्माण के लिये एक विकसित तंत्र उपलब्ध है और संबद्ध उद्योगों का एक मज़बूत इकोसिस्टम भी है। PLI योजना इस क्षेत्र में वैश्विक और घरेलू हितधारकों को उच्च मूल्य उत्पादन में शामिल होने के लिये प्रोत्साहित करेगी।
  • दूरसंचार उपकरण एक सुरक्षित दूरसंचार अवसंरचना के निर्माण के लिये महत्त्वपूर्ण और रणनीतिक तत्त्व है तथा भारत दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पादों का एक प्रमुख मूल उपकरण निर्माता बनने की आकांक्षा रखता है। PLI योजना से वैश्विक भागीदारों से बड़े निवेश आकर्षित होने और घरेलू कंपनियों को उभरते अवसरों का फायदा उठाने तथा निर्यात बाज़ार में बड़े व्यापारी बनने में मदद मिलने की उम्मीद है।
  • भारतीय वस्त्र उद्योग दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में एक है और वस्त्र तथा परिधान के वैश्विक निर्यात के 5% की हिस्सेदारी है। परंतु मानव निर्मित फाइबर उद्योग क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी वैश्विक खपत पैटर्न, जो इस क्षेत्र में अधिक है, की तुलना में कम है। PLI योजना घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा देने के लिये इस क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करेगी, विशेषतौर पर मानव निर्मित फाइबर तथा तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में।
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास से किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा और बड़े पैमाने पर अपव्यय कम होगा। PLI  योजना के माध्यम से सहायता प्रदान करने हेतु उच्च विकास क्षमता और संभावनाओं वाली विशिष्ट उत्पाद लाइनों की पहचान की गई है।
  • सौर पीवी पैनलों का अधिक आयात मूल्य श्रृंखला की इलेक्ट्रॉनिक (हैक करने योग्य) प्रकृति पर विचार करते हुए आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन और रणनीतिक सुरक्षा चुनौतियों में जोखिम पैदा करता है। सौर पीवी मॉड्यूल के लिये एक केंद्रित PLI  योजना भारत में बड़े पैमाने पर सौर पीवी क्षमता का निर्माण करने के लिये घरेलू और वैश्विक भागीदारों को प्रोत्साहित करेगी और सौर पीवी विनिर्माण के लिये वैश्विक मूल्य शृंखलाओं पर कब्जा करने के लिये  भारत को तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद करेगी।
  • व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी) में घरेलू स्तर पर मूल्यवर्द्धन की और इन उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाने की अत्यधिक संभावना है। इस क्षेत्र के लिये PLI योजना से अधिक घरेलू विनिर्माण, नौकरियों का सृजन और निर्यात बढ़ेगा।
  • स्टील रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण उद्योग है और भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक है। भारत तैयार स्टील का असल निर्यातक है और स्टील के कुछ श्रेणियों में चैंपियन बनने की क्षमता रखता है। विशिष्ट स्टील में PLI योजना से मूल्यवर्द्धित स्टील के लिये विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे कुल निर्यात में वृद्धि होगी।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के लाभ एवं विशेषताएं
• सरकार ने घरेलू मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 10 उत्पादन क्षेत्रों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दी है।
• उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना 2021 का लाभ रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, फार्मास्यूटिकल्स, विशेष प्रकार के स्टील, वाहन, दूरसंचार, वस्त्र, खाद्य उत्पाद, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन की बैटरी जैसे उद्योगों में निवेशकों को लाभान्वित किया जायेगा।
• उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना 2021 के तहत एप्पल, फॉक्सकॉन होन हाई, विस्ट्रॉन और सैमसंग जैसे निर्माताओं के द्वारा भारत में निवेश किया जायेगा।
• देश में उत्पादन के क्षेत्र में वृद्धि होने से देश के सभी नागरिकों की जरूरतों को भी पूर्ति की जाएगी।
• उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना 2021 में GDP सकल घरेलू उत्पाद के द्वारा 16% भूमिका प्रदान की जाएगी।
• 25 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स रेट में भी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना 2021 के तहत कटौती की जाएगी।
• योजना को सफलपूर्वक बनाने के लिए आने वाले पांच वर्षों में अधिकतम 2 लाख करोड़ रूपए खर्च किये जायेंगे।
• देश में औधोगिकरण के क्षेत्र को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना 2021 के अंतर्गत एक नया स्वरूप दिया जायेगा।
• Indian manufacturers को इस उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना 2021 के अंतर्गत वर्ल्ड लेवल पर Competitive बनाया जायेगा।
• योजना के तहत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश को भी कवर किया जायेगा और साथ ही यह एक क्षमता को भी सुनिश्चित करेगी।
• एक बड़े पैमाने की अर्थव्यस्था का निर्माण करने के साथ-साथ एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा ,जिससे भारत एक वैश्विक श्रेणीबद्धता का अभिन्न संघटक बन जायेगा।

SectorThe funds
Advanced Chemistry Cell Battery18,100 करोड़ रुपये
Electronic & Technology Products5000 करोड़ रुपये
Automobile and Auto Components57,042 करोड़ रुपये
Pharmaceutical drugs15000 करोड़ रुपये
Telecom and Networking Products12,195 करोड़ रुपये
Textile products10,683 करोड़ रुपये
Food products10,900 करोड़ रुपये
Solar pv module4500 करोड़ रुपये
White goods6,238 करोड़ रुपये
Specialty steel6,322 करोड़ रुपये

जरूरी दस्तावेज
1. आधार कार्ड
2. आय प्रमाण पत्र
3. मैन्युफैक्चरिंग प्रमाण पत्र
4. पासपोर्ट साइज फोटो
5. मोबाइल नंबर

 

 

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