सवाल : प्राइवेट कारों से क्यों कराती है जीआरपी लावारिसों का परिवहन

Post by: Rohit Nage

Question: Why does GRP transport the abandoned by private cars?
  • – नर्मदापुरम पत्रकार संघ के अध्यक्ष ने उठाये कार्यप्रणाली पर सवाल

इटारसी। रेलवे स्टेशन पर आए दिनों दुर्घटनाओं से मौत होती रहती हैं। रेलवे प्रत्येक लावारिस लाश के लिए 5000 की राशि अंतिम संस्कार हेतु देती है, जिसमें रेलवे स्टेशन से लाश को पोस्टमार्टम हाउस सरकारी अस्पताल ले जाना एवं पोस्टमार्टम के बाद लाश को शांति धाम शमशान घाट गोकुल नगर खेड़ा ले जाना एवं लाश का अंतिम संस्कार करना शामिल होता है। पांच हजार की राशि में अंतिम संस्कार बहुत अच्छे ढंग से हो सकता है, क्योंकि कब्र नगर पालिका निशुल्क खोद कर देती है। रेल पुलिस द्वारा लाश को कफन भी नहीं ओढ़ाया जाता है।

यह सवाल नर्मदापुरम पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रमोद पगारे ने उठाया है। उन्होंने कहा कि रविवार को एक लावारिस लाश को पोस्टमार्टम के बाद प्राइवेट कार से लाया गया। लाश के ऊपर कफन शांति धाम समिति ने प्रदान किया। साथ में आए एक पुलिस कर्मी ने एक फूल माला कार से निकलवा कर लाश को पहनाई। रेलवे की लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले सलीम ने अपने 2 साथियों के साथ ही अपने हाथों से अंतिम संस्कार किया।

जब जीआरपी को 5000 अंतिम संस्कार के लिए मिलते हैं, तब सम्मानजनक ढंग से अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया जा सकता? जब इटारसी में नगर पालिका और सिंधु सेवा सदन के दो-दो शव वाहन हंै फिर निजी तौर पर कार लेने का क्या अर्थ हुआ? इस मामले में रेलवे की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को गंभीरता से विचार करना चाहिए और युक्ति युक्त हल निकालना चाहिए।

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