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कॉमन सर्विस सेंटर से भी हो सकेगा पंजीकरण

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Bussiness News: केंद्र सरकार ने अपनी सोशल सिक्योरिटी स्कीमों (social security schemes) का लाभ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों तक सीधे पहुंचाने के लिए आज ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया। इस मौके पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव (Employment Minister Bhupendra Yadav) और श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली  (Minister of State for Labor Rameshwar Teli) मौजूद थे। पोर्टल के लॉन्च होने के तुरंत बाद ही इस पर अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के वर्करों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया।

लॉन्चिंग के अवसर पर श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के वर्कर इस पोर्टल पर खुद या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए पंजीकरण करा सकेंगे। वे इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर जाते हैं तो उनको कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि CSC को हर पंजीकरण के लिए सरकार की तरफ से 20 रुपए दिए जाएंगे।

श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अलग से सरकार की किसी और सोशल सिक्योरिटी स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा। श्रमिकों को पोर्टल पर पंजीकरण पर मिलने वाला 12 डिजिट का ई-श्रम कार्ड पूरे देश में वैध होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पोर्टल पर वर्करों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लगभग 404 करोड़ रुपए का बजट बनाया गया है।

इस मौके पर सरकार ने कहा कि कोविड के दौरान कामगारों के पलायन के चलते उनको जरूरी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंचाने में दिक्कत हुई। ई-श्रम पोर्टल को तैयार करने में इन बातों का ध्यान रखा गया है। गौरतलब है कि वर्करों को पोर्टल पर अपने डिटेल ऐप के जरिए अपडेट करने की सुविधा दी गई है।

पोर्टल की लॉन्चिंग के मौके पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि सरकार श्रमिकों को पंजीकरण में मदद के लिए एक टेली कॉल सेंटर भी बनाएगी। यहां से शुरुआत में हिंदी और अंग्रेजी, लेकिन आगे चलकर दूसरी भारतीय भाषाओं में भी जानकारी ली जा सकेगी।

सोशल सिक्योरिटी स्कीमों को जन-जन तक पहुंचाएगा ई-श्रम पोर्टल
मंगलवार को केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंदर यादव ने ई-श्रम पोर्टल का लोगो लॉन्च किया था। इस मौके पर यादव ने कहा था कि यह ‘हमारे राष्ट्र निर्माताओं, हमारे श्रम योगियों’ का नेशनल डेटाबेस होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद अपनी सोशल सिक्योरिटी स्कीमों को जन-जन तक पहुंचना है। अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के वर्करों का नेशनल डेटाबेस यानी ई-श्रम पोर्टल उसी दिशा में उठा कदम है।

प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
ई-श्रम पोर्टल स्कीम के जरिए सरकार अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के 38 करोड़ वर्करों का डेटाबेस बनाना चाहती है। इसका मकसद केंद्र की सोशल सिक्योरिटी स्कीमों को इंटीग्रेट करना है। इस डेटाबेस में मजदूर, प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार, कंस्ट्रक्शन वर्कर, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर, खेतीहर मजदूर और असंगठित क्षेत्र के दूसरे वर्कर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी देना जरूरी
सरकार ने ई-श्रम पोर्टल के साथ नेशनल टोल फ्री नंबर 14434 भी जारी किया है। वर्कर इस नंबर पर फोन करके पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी जानकारी ले सकेंगे। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी देना जरूरी होगा। वर्करों को पोर्टल पर जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, होमटाउन और सोशल कैटेगरी जैसी जरूरी जानकारी भी दर्ज करानी होगी।

वर्करों की डिटेल राज्य सरकारों और विभागों के साथ शेयर की जाएगी
रजिस्ट्रेशन कराने पर वर्करों को 12 डिजिट के यूनीक नंबर वाला ई-श्रम कार्ड मिलेगा। ई-श्रम पर दी जाने वाली वर्करों की डिटेल राज्य सरकारों और विभागों के साथ शेयर की जाएगी। ईपीएफओ का कहना है कि ई-श्रम कार्ड से देश के करोड़ों असंगठित कामगारों को नई पहचान मिलेगी। ई-श्रम कार्ड पूरे देश में मान्य होगा।

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