बाघ पर सवार होकर 15 जनवरी को आएगी संक्रांति

Post by: Rohit Nage

सूर्य, शिव के साथ शनिवार होने के कारण शनिदेव की होगी पूजा
इटारसी। मां चामुण्डा दरबार भोपाल के पुजारी गुरु पं. रामजीवन दुबे (Pt. Ramjeevan Dubey) ने बताया की पोष शुक्ल पक्ष 12 शुक्रवार 14 जनवरी को रात्रि 8 बजकर 58 मिनट पर सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश होगा जिसे मकर संक्रांति (Makar sankranti, ) कहा जाता है। पर्व पुण्यकाल 15 जनवरी को दोपहर तक रहेगा।
मकर संक्रांति के दिन गंगा समेत पावन नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। गंगा स्नान से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है। लोग गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन सन्निधिम कुरु.. मंत्र के जरिए घर में रखे गंगाजल को छिड़ककर भी पुण्य अर्जित कर सकते हैं। स्नान के बाद सूर्य को अघ्र्य दें। मकर संक्रांति के दिन तिल व खिचड़ी का विशेष महत्व बताया गया है। मकर राशि के स्वामी शनि और सूर्य के विरोधी राहु होने के कारण दोनों के विपरीत फल के निवारण के लिए तिल का खास प्रयोग किया जाता है। उत्तरायण होने पर सूर्य की रोशनी और प्रखर हो जाती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु को भी तिल अत्यंत प्रिय है। ठंड के मौसम में तिल का सेवन शरीर को गर्म रखता है।
इस दिन बुधादित्य योग होगा। मकर राशि के स्वामी शनि हैं। सूर्य इस दिन अपने पुत्र की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इस बार मकर संक्रांति का वाहन बाघ और उप वाहन अश्व है। किसानों और पशुपालकों के लिए लाभकारी, व्यापार में नुकसान, मौसम में उतार-चढ़ाव, राजनीति में मनमुटाव बढ़ेगा, संक्रमण वाले रोग बढ़ेंगे और सब्जी, तेल सहित अन्य खाद्य सामग्री के दामों में बढ़ोतरी होगी। श्रद्धालु स्नान, ध्यान के बाद जरूरतमंदों को खिचड़ी, कंबल, चप्पल आदि वस्तुओं का दान करने से पुण्य प्राप्त होगा। महंगाई बेरोजगारी बड़ेगी प्राकृतिक आपदा के योग हैं। नव वर्ष का शुभारंभ काल सर्पयोग में हुआ है जो अप्रैल तक चलेगा। अकाल मृत्यु योग बनाता हैं। पर्व काल में शनि प्रदोष व्रत रहेगा। सूर्य, शिव, शनिदेव के मंदिरों में पूजा-पाठ होगी। आज से मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। नव वर्ष में 86 दिन गूंजेगी शहनाईयां। मिथुन तुला राशि को ढय्या शनि धनु, मकर, कुंभ रशि को साढ़े साति शनि चल रहे हैं। शनि देव को तेल, काला तिल चढ़ाकर पूजा करें। मेष कष्ट निवारण, वृष शुभ, मिथुन सुख कर्क लाभ, सिंह अशांति दूर होगी, कन्या धन लाभ, तुला सम्मान प्राप्ति, वृश्चिक वाहन लाभ, धनु भय से मुक्ति, मकर लाभ, कुंभ सफलता, मीन को उन्नति होगी।

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