– आई मिलन की बेला, चमचमाते शुक्र और विशाल बृहस्पति की
– 30 अप्रैल, कहीं सोलर इकलिप्स (Solar Eclipse) तो कहीं ग्रहों का मेल
इटारसी। शनिवार 30 अप्रैल को देर रात जब सूर्य के सामने आकर चंद्रमा पृथ्वी के दिन वाले भाग पर सूर्यग्रहण लगा रहा होगा, तब ही पृथ्वी की रात वाले हिस्से में सौर मंडल का चमकदार ग्रह शुक्र (Venus) और सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति(Jupiter) आकाश में एक दूसरे में समाते से नजर आ रहे होंगे। नेशनल अवार्ड (National Award) प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने खगोलीय पिंडों की मुलाकातों की जानकारी दी।
सारिका ने बताया कि सूर्यग्रहण की घटना के समय भारत में रात होने के कारण भारत में नहीं दिखेगा। आंशिक सूर्यग्रहण (Partial Solar Eclipse) को दक्षिण अमेरिका (South America) के दक्षिण पश्चिमी भाग, चिली (Chile), उरूग्वे (Uruguay), आदि में देखा जा सकेगा। अर्जेंटीना (Argentina) सूर्यग्रहण को देखने का सबसे अच्छा स्थान होगा जहां में सूर्य 53 प्रतिशत ढंका हुआ दिखेगा। सारिका ने कहा कि अगर आपका कोई परिचित इन स्थानों पर है तो सूर्यग्रहण भारतीय समय के अनुसार 30 अप्रैल की रात जबकि 1 मई आरंभ हो चुकी होगी, तब रात 12 बजकर 15 मिनट पर आरंभ होगा। यह रात 2 बजकर 11 मिनट की स्थिति में अधिकतम होगा तथा सुबह सबेरे 4 बजकर 7 मिनट की स्थिति में समाप्त हो जायेगा। जिस समय दक्षिण अमेरिका आदि स्थानों पर ग्रहण घटित हो रहा होगा तब भारत में उस ही समय आकाश में चमचमाता शुक्र (वीनस) और सबसे विशाल बृहस्पति (जुपिटर) आकाश में मिलन करते नजर आयेंगे।
वीनस जुपिटर से 0.2 डिग्री नीचे दक्षिण की ओर होगा। वीनस माईनस (Minus) 4.1 मैग्नीट्यूड (Magnitude) के साथ तो जुपिटर माईनस 2.1 मैग्नीट्यूड के साथ चमक रहा होगा। समाये से दिखते हुये यह ग्रह सच में एक दूसरे के नजदीक नहीं आयेंगे बल्कि एक दूसरे से 69 करोड़ किमी की दूरी पर होंगे लेकिन पृथ्वी से बनने वाला कोण ऐसा होगा कि लगेगा कि वे पास-पास हैं। यह अल्ट्रा क्लोज कंजक्शन (Ultra Close Conjunction) कहलाती है।
सारिका ने बताया कि मिलन करते ये दोनों ग्रह सुबह लगभग 4 बजे पूर्वी आकाश में होंगे और इन्हें 5 बजे तक अच्छे से मिलते देखा जा सकेगा। इसके बाद सूर्योदय पूर्व की लालिमा के साथ ये फीके पड़ते जायेंगे, तो सुबह 4 बजे जागकर मई की शुरूआत कीजिये ग्रहो ंके मिलन के साक्षी बनकर।