देवाधिदेव महादेव के अनेक मंदिर विश्व भर में स्थित हैं। इनमें कई अपने दिव्य विग्रह के कारण बहुत प्रसिद्ध। इनमें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ललितपुर (Lalitpur) जिले के पास स्टेट रही तालबेहट में स्थित हजारी महादेव (Hazari Mahadev) की ख्याति दूर-दूर तक है। कहा जाता है कि तिल-तिल उनका आकार बढ़ रहा है।
शिव उपासना का विशेष सत्र सावन मास होता है। यूं तो भोलेनाथ की पूजा उपासना भक्तजन 12 माह करते हैं, अपितु महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की तरह सावन मास भर शिव अभिषेक और पूजा उपासना अनुष्ठान का विशेष महत्व।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) से कुल जमा 35 किलोमीटर रायसेन (Raisen) जिला प्रसिद्ध भोजपुर मंदिर (Bhojpur Temple) के पास बिलौटा नाम का एक प्रसिद्ध स्थान है, जहां स्थित है अद्भुत शिवालय है जिसमें विराजे हैं अद्भुत भोलेनाथ शिव शंकर। इन्हें 1008 शिवलिंगेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है। इनकी ख्याति दूर-दूर तक है। विशेषता शिवलिंग की यह है कि एक शिव लिंग में एक हजार आठ शिवलिंग के भव्य विग्रह है। आल्हादकारी, लौकिक अलौकिक अनुभव यह कि शिवजी पर अभिषेक करते हुए एक हजार आठ शिवलिंग पर अपने आप ही अभिषेक हो जाता है। लोगों की मान्यता है, इसका महत्व पुण्य बड़ा फलदायी है।
श्रद्धालु जन दूर-दूर से भोले नाथ जी की पूजा अर्चना अभिषेक के लिए आते रहते है। शिवानुरागी भक्त जन ने शिव जी के रंग रूप की छटा भी मनोहारी है, जिसे दर्शन कर ही पुण्य सुख लाभ अर्जित किया जा सकता है। इन्हें मनोकामना शिव जी भी पुकारा जाता है। सावन मास में इन दिनों भक्त जनों का बढ़ी संख्या में आवाजाही रहती है। ओम नम: शिवाय।