- – कलेक्टर ने बताया कि तिलक सिंदूर के विकास की योजना बन गयी है
- – डीएफओ ने आश्वासन दिया कि किसी भी दुकानदार को हटाया नहीं जाएगा
इटारसी। तिलक सिंदूर मंदिर (Tilak Sindoor Temple) में पूजा-अर्चना करने आने वाले भक्तों के लिए पूजन सामग्री की दुकान लगाने वालों को वन विभाग ने अतिक्रमणकारी बताकर हटा दिया है। उनके अस्थायी डेरों को तोड़ दिया जिससे ये गरीब दुकानदार अपना धंधा नहीं कर पा रहे हैं। कुछ दिनों बाद श्रावण मास लगने वाला है, जब इनका कामकाज ठीक चलता है, ऐसे में अपनी चिंता से आला वन अधिकारियों को अवगत कराने इन दुकानदारों ने डीएफओ से मुलाकात की। इन लोगों ने कलेक्टर को भी अपनी पीड़ा सुनाई। दोनों अधिकारियों से उनको सकारात्मक सहयोग का आश्वासन मिला है।
उल्लेखनीय है कि तिलक सिंदूर का मंदिर जंगल में बना है और यहां लगभग हर रोज भक्त पहुंचते हैं। रविवार, सोमवार और शिव के त्योहार महाशिवरात्रि (Mahashivratri), श्रावण मास (Shravan month) में यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। उन भक्तों को पूजन-सामग्री उपलब्ध कराने अस्थायी तौर पर लकड़ी, तिरपाल आदि से कुछ गरीबों ने दुकानें लगा ली थीं, जिन्हें वन विभाग ने अतिक्रमणकारी बताकर हटा दिया है। अब इनके सामने परिवार चलाने का संकट आ गया है। कलेक्टर और डीएफओ से मिले ये सभी दुकानदार डीएफओ मयंक सिंह गुर्जर (DFO Mayank Singh Gurjar) से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने अपनी बात रखी। दुकानदारों ने बताया कि हम लोग तिलक सिंदूर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नारियल प्रसाद की दुकान लगाते हैं जिससे हमारा रोजगार चलता है। कुछ दिनों पहले वन विभाग के अधिकारी ने दुकान अवैध कहकर तोड़ दी है जिससे हम काफी परेशान हैं। दुकानदारों का कहना है कि हम लोग अस्थाई रूप से दुकान लगाकर रखे हुए थे। हमारे लिए कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे हम लोग परेशान ना हों। कुछ दिनों बाद सावन का महीना चालू होने वाला है, जिसमें लाखों हजारों श्रद्धालु पूजा-अभिषेक करने आते हैं। डीएफओ आश्वासन दिया है जल्दी ही, एक सप्ताह के अंदर एक बैठक तिलक सिंदूर में की जाएगी, किसी भी दुकानदारों को वहां से भगाया नहीं जायेगा।
कलेक्टर ने बतायी विकास योजना
कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना (Collector Ms. Sonia Meena) से तिलक मंदिर के विकास के विषय में आदिवासी प्रतिनिधियों ने चर्चा की। कलेक्टर ने बताया है कि तिलक सिंदूर को डेवलपमेंट की जरूरत है जिसकी फाइल बना ली गई है जिसको भोपाल (Bhopal) भेज दिया जाएगा। बहुत जल्दी तिलक सिंदूर मंदिर, प्रांगण का कार्य को पूरा किया जायेगा। प्रतिनिधि मंडल में तिलक सिंदूर समिति के अध्यक्ष नारायण बावरिया, सरपंच डोरीलाल चीचाम, वन समिति अध्यक्ष विनोद वारिवा, गोवर्धन कलमे, सुधाराम कलमे, रामसिंह नागले, दीपक बाबरिया, सुखवती कलमे, प्रीति तुमराम, आरती कास्दे, प्रेमवती विसन, अविनाश आदि उपस्थित थे।