वैवाहिक जीवन की सफलता का ज्ञान देती हैं श्री कृष्ण लीलाएं

Post by: Rohit Nage

इटारसी। लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण (Shri Krishna) की वैवाहिक लीलाएं संसार के समस्त जन को सफल वैवाहिक जीवन का ज्ञान प्रदान करती है। उक्त उद्गार भागवत मर्मज्ञ पं. जगदीश पांडे (Pt. Jagdish Pandey) ने ग्राम घाटली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में रुकमणी (Rukmani) मंगल विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए व्यक्त किए।ग्राम घाटली में छठवें दिवस कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि जो अहंकार के मद में चूर होता है, उसकी बुद्धि नष्ट हो जाती है और सत्ता के मद में वह अपनों पर ही अत्याचार करने लगता है। ऐसे व्यक्ति का अंत भी अपनों के ही हाथों होता है। जैसे राजा कंस (Raja Kansa) ने सत्ता के मद में अपने पिता एवं मृत्यु के डर से अपनी विवाहित बहन को पति सहित कारागार में बंद करा दिया तो उसका प्रांणात भी उसके अपने भांजे श्री कृष्ण के हाथों ही हुआ। व्यास मंच से रुकमणी मंगल विवाह का वर्णन करते हुए श्री पांडे ने कहा कि पारिवारिक सहमति के साथ ही वर और कन्या के समान विचार मिलने पर जो विवाह होते हैं, वह सफल और दीर्घायु होते हैं। इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण की भव्य बारात भी निकाली जो गाजे-बाजे के साथ संपूर्ण गांव का भ्रमण करते हुए कथा स्थल पर संपन्न हुई।
श्री कृष्ण रुकमणी विवाह के अवसर पर मधुर भजनों की प्रस्तुति भी पं. हरि नारायण दुबे (Pt. Hari Narayan Dubey), अभय पांडे (Abhay Pandey), देवेंद्र दुबे (Devendra Dubey) एवं राकेश दुबे (Rakesh Dubey) आदि ने प्रदान की। श्री कृष्ण विवाह का मंचन किया। इस अवसर पर विधायक ठाकुर विजयपाल सिंह (MLAs Thakur Vijaypal Singh), पटेल समाज सेवा समिति अध्यक्ष सुरेश चिमानिया (Suresh Chimania), अंबिका प्रसाद चौधरी (Ambika Prasad Chaudhary), रामविलास चिमानिया (Ramvilas Chimania), मुख्य यजमान दीप नारायण महतो (Deep Narayan Mahato), सुरेश चौधरी (Suresh Chaudhary) एवं परदेसी एकता समिति अध्यक्ष मन्ना भट्टी ने प्रवचन कर्ता जगदीश पांडे का स्वागत किया। कथा समारोह का समापन रविवार को महाआरती पूर्णाहुति एवं भंडारे के साथ होगा।

 

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