- – सामूहिक विवाह के लिए 1 दिसंबर तक पंजीयन कराना अनिवार्य होगा
- – समिति द्वारा विवाहोत्सव के लिए वर-वधु पक्ष से कोई पैसा नहीं लिया जाता
- – 6 दिसंबर को श्री द्वारिकाधीश मंदिर से श्रीराम बारात निकाली जाएगी
इटारसी। श्री देवल मंदिर काली समिति के तत्वावधान में श्रीराम विवाहोत्सव एवं निशुल्क सामूहिक आदर्श विवाह का आयोजन इस वर्ष 40 वे वर्ष में 6 दिसंबर को होगा। सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले वर-वधुओं के पक्ष को 1 दिसंबर तक काली समिति से संपर्क करना होगा। सामूहिक विवाह में किसी प्रकार की कोई भी राशि नहीं ली जाती है।
यह दस्तावेज जरूरी
नि:शुल्क सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले वर-वधुओं को आधार कार्ड, आयु का प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज की 3-3 फोटो और जाति प्रमाण पत्र समिति के पास जमा करना होगा। वर-वधु स्वजातीय होना चाहिए। वर-वधु और उनके परिजों के लिए ठहरने और भोजन की व्यवस्था भी नि:शुल्क रहेगी। इसके लिए देवल मंदिर काली समिति के कार्यालय में 9009882960 नंबर पर संपर्क करना होगा।
कार्यक्रमों की तिथियां
1 दिसंबर रविवार की रात 8 बजे श्रीराम लीला मंचन से कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। 2 दिसंबर की रात्रि 9 बजे भजन श्रंखला, 3 दिसंबर को सुंदरकांड, 4 दिसंबर को प्रात: 9 बजे महिला मंडल द्वारा रामसत्ता, 5 दिसंबर को प्रात: 10 बजे मंडप एवं सत्यनारायण की कथा, सीताराम संकीर्तन होगा।
मुख्य कार्यक्रम 6 को
मुख्य कार्यक्रम 6 दिसंबर को होगा। इस दिन सुबह 9 बजे से कन्याभोज एवं भंडारा, शाम 7 बजे आध्यात्मिक प्रवचन, रात्रि 9 बजे विशेष मंच पर देवी जागरण तथा रात्रि 10 बजे बारात का स्वागत होगा। रात्रि 11 बजे जयमाला एवं प्रीतिभोज, रात्रि 12 बजे पाणिग्रहण संस्कार होगा। दूसरे दिन सुबह 7 बजे वर-वधुओं की विदाई होगी।
बड़े मंदिर से निकलेगी बारात
श्रीराम बारात के साथ ही नि:शुल्क सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले समस्त दूल्हों की बारात 6 दिसंबर को शाम 6 बजे श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर, तुलसी चौक से प्रारंभ होगी। यहां बारात में नगर के हजारों लोग बाराती के रूप में शामिल होते हैं। रामसखी, घोड़े, बैंड, ढोल आदि आतिशबाजी करते हुए करीब तीन किलोमीटर की बारात निकलती है। शाम को निकली बारात रात 10 बजे श्री देवल मंदिर पुरानी इटारसी रात 10 बजे पहुंचती है। समिति ने अब तक इन चालीस वर्षों में हजारों लोगों का विवाह कराया है। समिति ने आग्रह किया है कि इस विवाह में अपने पुत्र-पुत्रियों का विवाह करायें, श्रीराम विवाह के साथ होने वाले विवाह भी विशेष रहेंगे।