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उन्नत कृषि यंत्रों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में प्राप्त की सफलता

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  • प्रगतिशील किसान हेमंत दुबे बेहतर नरवाई प्रबंधन कर पर्यावरण को भी पहुंचा रहे लाभ

इटारसी। यहां के ग्राम जमानी के प्रगतिशील किसान हेमंत दुबे ने उन्नत कृषि यंत्रों और नवीन तकनीकों को अपनाकर, न केवल अपनी उपज में उल्लेखनीय वृद्धि की है, बल्कि पर्यावरण-हितैषी खेती के लिए एक नया मानक भी स्थापित किया है। उनके द्वारा उपयोग किए कृषि यंत्रों में सुपरसीडर, राईस ट्रांसप्लांटर, रिज एण्ड फरो सीडड्रिल, डिस्कहेरो और एमबी प्लाउ शामिल हैं, जिन्होंने उनकी खेती की उत्पादकता और पर्यावरणीय प्रभाव को सकारात्मक रूप से बदल दिया है।

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ग्राम जमानी के किसान हेमंत दुबे द्वारा खेती में किए जा रहे उन्नत तकनीक एवं यंत्रों के प्रयोग से खेती में सफलता प्राप्तकरने पर आसपास के किसान भी प्रेरित हुए हैं। अब किसान नरवाई जलाने के बजाए सुपर सीडर यंत्र का प्रयोग कर नरवाई का बेहतर प्रबंधन कर रहे हैं जिससे पर्यावरण को लाभ पहुंच रहा है, साथ ही मिट्टी को लाभ पहुंचाने वाले जीवांश्म एवं कीट सुरक्षित रह रहे हैं जो मिट्टी को उर्वरकता प्रदान करते हैं। नरवाई न जलाने से आसपास का वातावरण भी शुद्ध रहता है।

सुपरसीडर मशीन का प्रभाव

हेमंत दुबे ने नरवाई जलाने के बजाय, सुपरसीडर मशीन का उपयोग कर फसल अवशेषों का प्रबंधन किया, जिससे न केवल भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा। इस मशीन की सहायता से समय और पैसे की बचत होती है, साथ ही वायु प्रदूषण भी कम होता है। यह मशीन भूमि में जीवांश को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे दीर्घकालिक फसल उत्पादन में सुधार होता है।

प्रमुख कृषि उपाय और उनके लाभ

  • नरवाई प्रबंधन : हेमंत दुबे ने पराली जलाने की परंपरा को छोड़कर, उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करते हुए नरवाई प्रबंधन को अपनाया। यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
  • पोषक प्रबंधन : समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के तहत, फसल अवशेषों का सुपरसीडर एवं पूसा डी-कम्पोजर से विघटन किया जाता है। इसके अलावा, जैव उर्वरकों का बीज उपचार कर भूमि में पोषक तत्वों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाता है।
  • फसल सुरक्षा : समन्वित कीट एवं व्याधि प्रबंधन पद्धतियों का पालन करते हुए, फसल सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
  • सिंचाई प्रबंधन : जीरो लेंड लेजर लेबलर से भूमि को समतल कर, 1-1 एकड़ की रकबे बंड तैयार की जाती है। इसके बाद स्वनिर्मित तालाब से सिंचाई जल का उपयोग किया जाता है, जिससे जल की बचत होती है और सिंचाई के लिए अधिक जल की आवश्यकता नहीं पड़ती।

सुपरसीडर मशीन की प्रमुख विशेषताएं नरवाई

  • प्रबंधन : यह मशीन नरवाई जलाने के बजाय उसे भूमि में समाहित करती है, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है और भूमि की उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है।
  • भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ाना : सुपरसीडर भूमि में फसल अवशेषों को समाहित कर उसकी उर्वरक क्षमता को बढ़ाती है।
  • समय और लागत की बचत : यह मशीन समय और मेहनत की बचत करती है, जिससे किसानों का खर्च कम होता है।
  • पर्यावरण सुरक्षा : यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कृषि कार्यों को सुधारती है और प्रदूषण को कम करती है।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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