इटारसी। जिले में होशंगाबाद और पिपरिया निवासी दो लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं। जिले में इससे पहले इटारसी में सबसे अधिक मरीज मिल रहे थे। भोपाल में जांच के बाद दोनों मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। अब प्रशासन इनकी कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तलाश रहा है। इस तरह से कोरोना की वापसी के बाद संभलना जरूरी हो गया है, अन्यथा बाद में पछताना पड़ सकता है। क्योंकि बाजार में कोई भी दिन दिनों मास्क लगाये नहीं दिखता है। होशंगाबाद में रोको-टोको अभियान (Roko-toko campaign) प्रारंभ हो चुका है, इटारसी में इसकी जरूरत है।
प्रशासन को अब जल्द ही रोको-टोको अभियान चलाना चाहिए। आज पिपरिया निवासी बुजुर्ग व्यक्ति की भोपाल में आई पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद यह और भी जरूरी हो गया है, क्योंकि बाजार के हाल देखें तो लगता नहीं कि किसी को अपने शहर की चिंता है। कोरोना की दूसरी लहर में शहर ने काफी कुछ खोया है। ऐसे में लापरवाही बरतने का मतलब है कि फिर से सबकुछ बंद करके घर में बैठना होगा। कैद रहने से अच्छा है कि लोग मास्क को अपनाएं और कोरोना से बचाव के हर संभव साधनों को अपनाएं।
उल्लेखनीय है कि 1 दिसम्बर को होशंगाबाद निवासी महिला की भोपाल में रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। इन दो मरीजों के संपर्क में और भी लोग आये होंगे जो बाजार में घूमते होंगे। ये ही लोग कोरोना को बढ़ावा दे सकते हैं। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए नागरिकों के सैकेंड ड्यू डोज के वैक्सीनेशन के प्रयास जारी हैं, आमजन को भी प्रशासन को मदद करते हुए अपना वैक्सीनेशन कराना चाहिए।
संभल जाएं अभी, वरना पछताना पड़ सकता है

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