इटारसी। पिछले कुछ दिनों में नर्मदापुरम जिले में मौसम में आए अप्रत्याशित बदलाव ने आम जनजीवन और खासकर छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा विपरीत असर डाला है। दिन में हल्की गर्मी और रात में अचानक बढ़ी ठंड के कारण वातावरण में परिवर्तन आया है, जिससे मौसमी बीमारियों, विशेष रूप से वायरल संक्रमण का प्रकोप तेजी से फैल गया है।
शासकीय अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या
स्थानीय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय सिविल अस्पताल में वायरल से पीडि़त बच्चों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार, अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 75 से 100 छोटे बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इन बच्चों में मुख्य रूप से तेज बुखार, लगातार खांसी और जुकाम के लक्षण मिल रहे हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञ ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि, मौसम के इस बदलाव के कारण बच्चों में सामान्य वायरल के साथ-साथ निमोनिया का प्रभाव भी ज्यादा देखने को मिल रहा है। जो बच्चे पहले से ही कमजोर हैं या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनमें यह संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच रहा है, जिससे उनकी पसली चलने लगती है।
संक्रमण से बचाव के लिए सलाह
डॉ. ने अभिभावकों और आम नागरिकों को इस संवेदनशील समय में विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बीमारी से बचने के लिए बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है।
- तापमान से बचाव : बच्चों को सुबह और शाम की ठंडक से पूरी तरह बचाएं। सोते समय उन्हें उचित गर्म कपड़े या कम्बल ओढ़ाएं और एसी या कूलर के सीधे संपर्क से दूर रखें।
- हाथों की स्वच्छता अनिवार्य : संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हाथों को बार-बार धोना सबसे प्रभावी उपाय है। बच्चों को भी हाथों की सफाई की आदत डालें।
- मास्क पहनें और दूरी बनाएं : अस्पताल और सार्वजनिक स्थानों पर सभी लोग मास्क का उपयोग करें। डॉ. ने बताया कि वह स्वयं भी एहतियात के तौर पर अस्पताल में मास्क पहनकर इलाज कर रहे हैं। सर्दी-खांसी या बुखार से पीडि़त लोगों से उचित दूरी बनाकर रखना बेहद जरूरी है।
- गंभीर लक्षण : अभिभावक बच्चों में सांस लेने में तकलीफ (पसली चलना), लगातार तेज बुखार या दूध/खाना पीने में असमर्थता जैसे कोई भी गंभीर लक्षण दिखने पर बिल्कुल देरी न करें और तुरंत बच्चे को अस्पताल में लाकर भर्ती कराएं।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और लक्षणों को नजरअंदाज न करें, ताकि बच्चों को किसी भी बड़ी स्वास्थ्य समस्या से बचाया जा सके।








