- – आधार केन्द्र पर हर दूसरे-तीसरे दिन आ रहे फर्जी प्रमाण पत्र लेकर लोग
- – इन दिनों स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, आधार अपडेट मांग रहे हैं
- – नगर पालिका, अस्पतालों में व्यवस्था में सुधार हो तो लग सकता है अंकुश
इटारसी। नगर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र (Fake Birth Certificate) बनाने का बड़ा खेल चल रहा है। हो सकता है कि खबरें प्रकाशन के बाद कुछ दिनों के लिए यह बंद भी हो जाए, लेकिन यह जांच का विषय है कि आखिर अब तक कितनी बड़ी संख्या में ऐसे फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बन चुके और उनका कहां-कहां उपयोग हो चुका है? यह बेहद गंभीर मामला है। इटारसी (Itarsi) में इससे पहले भी कुछ वर्ष पूर्व नगर पालिका से मृत्यु प्रमाण पत्र का एक प्रकरण सामने आ चुका है। जानकारी के बाद प्रशासन ने मामले में जांच की बात कही है।
ऐसे सामने आया मामला
दरअसल आधार केंद्र पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला सामने आया है। आधार केन्द्र संचालक के अनुसार रोज चार से पांच फर्जी जन्म प्रमाण पत्र लेकर अपने बच्चों की जन्म तारीख में सुधार कराने परिजन पहुंच रहे हैं। आधार कार्ड केंद्र प्रभारी ने इसकी शिकायत जब शासकीय अस्पताल इटारसी (Government Hospital Itarsi) में की तो पता चला कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का यह गोरखधंधा न सिर्फ इटारसी बल्कि जिले के अन्य सेंटर्स पर भी चल रहा है। गौरतलब है कि इन दिनों शासकीय स्कूलों में बच्चों के एडमिशन किये जा रहे हैं, जिसके लिये आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र स्कूलों में मांगे जा रहे हैं। बच्चों के माता पिता फर्जी जन्म प्रमाण पत्र ऑनलाइन की दुकानों से बनवाकर दे रहे हैं। इसके एवज में मोटी रकम ली जा रही है। एक जानकारी के अनुसार जन्मप्रमाण पत्र बनाने 600 रुपए से 1000 रुपए तक लिऐ जा रहे हैं। बच्चों के माता पिता आधार कार्ड में जन्म तारीख में सुधार कराने आधार केन्द्र पर पहुंचे तो मामला सामने आया है। आधार केन्द्र पर जन्म प्रमाण पत्र में जो बार कॉर्ड पर स्कैन कर सही प्रमाण पत्र की जांच करते समय उक्त प्रमाण पत्र फर्जी का पता चल रहा है।
आधार केन्द्र प्रभारी चेतन पटेल (Chetan Patel) के अनुसार उनके यहां हर रोज चार से पांच ऐसे मामले आ रहे हैं। उन्होंने इसकी सूचना अस्पताल अधीक्षक को दी है। एक मां ने अपने बच्चे के आधार कार्ड में जन्म तारीख सुधरवाने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिया। महिला सिवनी मालवा (Seoni Malwa) की निवासी है। महिला की डिलीवरी जिला अस्पताल नर्मदापुरम में हुई और बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र जिला अस्पताल भोपाल (Bhopal) का बना दिया। जब बच्चे के प्रमाण पत्र पर बने बार कोर्ड को स्कैन किया तो वह फर्जी साइड से बना पाया गया। आधार केन्द्र के प्रभारी ने महिला को जन्म प्रमाण पत्र फर्जी होना बताया।
यदि नपा और अस्पताल में बन जाए
दरअसल, फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने लोग इसलिए जाते हैं क्योंकि नगर पालिका और अस्पताल में उनको कई चक्कर लगवाये जाते हैं। कभी सॉफ्टवेयर का कारण बताकर, कभी बाबू नहीं है आदि कारण बताकर उनको आज-कल पर टाला जाता है। ऐसे में ये ऑनलाइन प्रमाण पत्र के लिए चले जाते हैं और वहां फर्जी सॉफ्टवेयर के जरिए उनको न सिर्फ फर्जी प्रमाण पत्र दिया जाता है, बल्कि लूट भी की जाती है। किसी तरह कर्ज लेकर गरीब तबका प्रमाण पत्र बनवाता है और जब आधार केन्द्र पहुंचता है तो पता चलता है कि प्रमाण पत्र फर्जी है।
ज्यादातर गरीब ग्रामीण लोग हैं
आधार केन्द्र पर आधार अपडेट कराने आने वाले वर्तमान में ज्यादातर लोग गरीब और ग्रामीण अंचल के हैं। इटारसी और सुखतवा (Sukhtawa) में इन लोगों को फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दिये जो रहे हैं। भोपाल में भी ऐसा ही धंधा चल रहा है, क्योंकि आधार केन्द्र पर कुछ प्रमाण पत्र भोपाल के बने भी आए हैं। इटारसी और सुखतवा के भी हैं। यदि नगर पालिका और अस्पताल में ही प्रमाण पत्र आसानी से बनने लगे तो ये लोग इनकी तरफ नहीं जाएंगे। प्रशासन को व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाना चाहिए और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वालों की जांच कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इनका कहना है…
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाये जाने की जानकारी सामने आयी है। हम इस मामले में अपने स्तर पर जांच करा रहे हैं।
टी प्रतीक राव, एसडीएम
हमारे पास आधार केन्द्र से शिकायत आयी थी कि इस तरह के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बन रहे हैं। उन्होंने जब बार कोड को स्कैन किया तो इसका पता चला।
डॉ. आरके चौधरी, अधीक्षक सिविल अस्पताल
हमारे पास हर दूसरे-तीसरे दिन में एक ऐसा मामला आ रहा है। भोपाल, इटारसी और सुखतवा के मामले मिले हैं। हमने अस्पताल में इसकी सूचना दी है।
चेतन पटेल, संचालक आधार केन्द्र