होशंगाबाद। आदिम जाति कल्याण विभाग मप्र शासन ने 20 जिलों के 89 आदिवासी विकासखण्डों में एक ही परिसर में विभिन्न स्तर की संचालित शालाओं को राज्य शासन के एक परिसर-एक शाला (One campus-one school) के अनुरूप संचालित करने का निर्णय लिया है। जिसके अंतर्गत होशंगाबाद जिले, आदिवासी विकासखण्ड केसला में एक परिसर-एक शाला योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास चंद्रकांता सिंह (Assistant Commissioner Tribal Development Chandrakanta Singh) ने बताया कि इस निर्णय से 150 मीटर के दायरे में संचालित 140 शालाओं के कुल 63 परिसर संचालित होंगे। उपरोक्त व्यवस्था से विभाग अंतर्गत पूर्व से संचालित शालाओं को बंद नहीं किया जा रहा है, बल्कि 150 मीटर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी का संविलियन किया जा रहा है, जिससे इनमें उपलब्ध अधोसंरचना एवं मानव संसाधन का पूर्ण उपयोग सुव्यस्थित तरीके से हो सके। इसके साथ ही नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम (आरटीई) का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से हो सकेगा। एकीकृत शालाओं का संचालन एक ही प्राचार्य/प्रधानाध्यापक के नियंत्रण में रहेगा।
एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक माध्यमिक शालाओं का एक ही माध्यमिक शाला के रूप में संचालन होगा। एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक अथवा माध्यमिक शालाओं का कक्षा एक से आठ तक एक ही शाला के रूप में संचालन होगा। एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक, माध्यमिक अथवा हाईस्कूल शालाओं का कक्षा एक से दस तक एक ही शाला के रूप में संचालन होगा। एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल अथवा हायर सेकेण्डरी शालाओं का कक्षा 1 से 12वीं तक एक ही शाला के रूप में संचालन किया जाएगा। एक परिसर-एक शाला के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय समिति गठित की गई है, जिसमें जिला कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, प्राचार्य डाइट एवं जिला परियोजना समन्वयक शामिल है।