बादल, बारिश, कोहरा के संगम से बढ़ी मौसम में ठंडक

Post by: Rohit Nage

The weather increased due to the confluence of clouds, rain and fog.
Bachpan AHPS Itarsi
  • सर्द हवाओं ने बदला मौसम, बादलों ने रोकी सूर्य किरणों की राह
  • सुबह से बादलों के पीछे छिपा सूरज, नहीं हुए सूरज के दर्शन

इटारसी। आज सुबह से सूरज बादलों की ओट में छिपा है और उसके दर्शन नहीं हुए। घने बादलों ने सूर्य किरणों का धरती तक का सफर रोक दिया है। बादल, बारिश और कोहरे की त्रिवेणी ने मौसम में ठंडक घोल दी है। सर्द हवाओं के कारण मौसम बदला और लोगों को इस सीजन में पुन: कड़ाके ठंड का अहसास कराया।

आमजन ठंड से कांप रहा है, गर्म कपड़ों के साथ ही आग ही उसका सहारा बनी है। रविवार को सुबह-सुबह मौसम ने बदलाव शुरु किया जब आसमान पर छाये बादल बरस पड़े। रविवार को भी लगभग सारा दिन आसमान बादलों से छंका रहा। कभी-कभी कुछ मद्धम बादलों की टुकड़ी के पास से गुजरे सूरज ने हल्की किरणें धरती तक पहुंचाई, जबकि सोमवार को सुबह से आधा दिन गुजरने तक सूरज के दर्शन नहीं हुए। रातभर वातावरण कोहरामय रहा। इन दिनों इस तरह के मौसम से सर्दी का सितम देखने को मिल रहा है।

जनवरी में दूसरे बार परिवर्तन

कड़ाके की ठंड के बीच रविवार को सुबह बारिश का दौर शुरु हुआ और देर तक पानी गिरा। बारिश का दौर थमा तो घना कोहरा भी हो जाने से राजगीरों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों के लिए लगभग एक पखवाड़े के अंतराल से यह दूसरी बार अमृत वर्षा वरदान साबित होगी। जनवरी माह के पहले पखवाड़े में ही एक बार फिर मौसम परिवर्तन देखने को मिला है। हालांकि कुछ दिन से कड़ाके की ठंड से वैसे भी आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है, और मौसम परिवर्तन के चलते बारिश के बाद सुबह शहर एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों में घना कोहरा भी देखने को मिला है। हालांकि कड़ाके की ठंड के बीच बे मौसम बारिश हो जाने के कारण जैसे ही मौसम खुलेगा तो फिर एक बार फिर से कड़ाके की ठंड का सामना लोगों को करना पड़ सकता है।

फसल के लिए फायदेमंद

एक पखवाड़े के अंतराल में ही दूसरी बार मौसम के बदलाव के चलते हुई तेज और धीमी बारिश क्षेत्र के किसानों के लिए अमृत वर्षा के रूप में वरदान साबित हो सकती है। किसानों द्वारा रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं और चने में सिंचाई की व्यवस्था वैकल्पिक तौर पर की जा रही है, ऐसी स्थिति में बीती रात हुई बारिश ने खासी मदद की है, जिससे निश्चित रूप से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई की व्यवस्था में सहयोग ही मिला है।

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