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कल आकाश में दिखेगी गुरू की विशालता

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– गुरूदर्शन के साथ नवरात्रि की शुरूआत
– 59 साल बाद गुरू आ रहे हैं निकट
– कल गुरू और सूर्य के बीच होगी पृथ्वी
इटारसी। नवरात्रि (Navratri) की पहली शाम बनने जा रही है बेहद खास, जबकि पश्चिम में जब सूर्य अस्त हो रहा होगा, तब सौरमंडल (Solar System) का सबसे बड़ा ग्रह बृृहस्पति (Planet Jupiter) या गुरू (जुपिटर) पूर्व दिशा में अपनी विशालता के साथ उदित हो रहा होगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (National Award winning science broadcaster Sarika Gharu) ने बताया कि जुपिटर एट अपोजिशन (Jupiter at Apposition) की खगोलीय घटना के कारण ऐसा होगा, जिसमें सूर्य की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी, सूर्य और बृहस्पति के बीच पहुंच रही है जिससे तीनों एक सीध में होंगे।
सारिका ने बताया कि यह घटना इसलिये विशेष महत्व रखती है कि 1963 के बाद जुपिटर पृथ्वी से इतनी निकटता पर होगा जिससे 2017 को इसके दिखे आकार की तुलना में यह 11 प्रतिशत बड़ा और लगभग डेढ़ गुना अधिक चमकीला दिखेगा। इसकी पृथ्वी से दूरी 59 करोड़ किमी से कुछ अधिक होगी और इसका प्रकाश पृथ्वी तक आने में 33 मिनिट लगेंगे। यह मीन तारामंडल में दिखेगा और माईनस 2.9 मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा।
सारिका ने बताया कि पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करते रहने से हर 13 माह में जुपिटर एट अपोजीशन की घटना होती है। अगली घटना 2 नवम्बर 2023 को होगी। अगर आपके पास टेलिस्कोप (Telescope) या बाइनाकुलर (Binacular) है तो इसकी मदद से जुपिटर के चार चंद्रमा को भी देख पायेंगे। वैसे जुपिटर के अब तक 80 चंद्रमा खोजे जा चुके हैं जिनमें से 57 का नामकरण हो चुका है। तों विशाल गुरू के दर्शन के साथ कीजिये नवरात्रि की शुरूआत।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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