इटारसी। प्रथम अपर सत्र न्यायालय ने आज दो वर्ष पूर्व रामपुर की गाड़ाघाट नदी के पास हुए एक हत्याकांड (Murder case) के आरोपी को आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक भूरे सिंह भदौरिया (Additional District Public Prosecutor Bhure Singh Bhadauria) ने आरोपी को फांसी की सजा देने का निवेदन कोर्ट से किया था। कोर्ट ने परिस्थिजन्य साक्ष्य को देखते हुए आरोपी को आजीवन कारावास से दंडित किया। संपूर्ण मामले में अतिरिक्त लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया और एजीपी राजीव शुक्ला ने शासन की ओर से पैरवी की थी।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक भूरे सिंह भदौरिया ने बताया कि मामला 2019 का रामपुर थानांतर्गत गड़ाघाट नदी का है। यहां काशीराम यादव को नदी किनारे से आरोपी शशि यादव ने धक्का देकर मार दिया था। मृतक काशीराम के साथ अंतिम बार शशि यादव काशीराम के भाई रामलाल ने देखा था। मामले में डेढ़ दर्जन से अधिक गवाह थे। दो गवाह इसमें अपने बयान से पलट गये थे। अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक भूरे सिंह भदौरिया ने इसमें लिखित बहस प्रस्तुत की थी और करीब 21 गवाह कराये गये। 35 दस्तावेज पेश किये गये थे। कोर्ट ने परिस्थिजन्य साक्ष्य को देखते हुए आरोपी शशि यादव को आजीवन कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।
पाहनवर्री स्कूल में था शिक्षक
मृतक काशीराम यादव शासकीय माध्यमिक शाला पाहनवर्री के स्कूल में शिक्षक था और अपने पिंकसिटी पुरानी इटारसी स्थित निवास से प्रतिदिन पाहनवर्री बाइक से आना-जाना करता था। घटना दिनांक 3 सितंबर 2019 को भी वह स्कूल जाने के लिए घर से निकला था। जब उसका भाई और ग्राम बिछुआ में शिक्षक रामलाल वहां से निकला तो उसने सुबह 11 बजे काशीराम को शशि यादव के साथ गाड़ाघाट नदी की पुलिया के पास देखा था। उसने उससे बात करके बताया था कि वह स्कूल जा रहा है, तो काशीराम ने उसे ठीक है भी कहा था। शाम को जब रामलाल घर गया तो उसे पता चला कि काशीराम घर नहीं पहुंचा है। उसने अपने होशंगाबाद में रहने वाले भाई हेमराज को बताया और इटारसी पहुंचकर दोनों ने उसकी खोज की।
शशि यादव से भी पूछा था
दोनों भाईयों ने अपने भाई काशीराम को तलाशा और ग्राम रामपुर भी पहुंचे जहां उन्होंने शशि यादव से भी उसके भाई के विषय में पूछताछ की तो शशि यादव ने उसकी कोई भी जानकारी नहीं होना बताया। इनको अपने भाई की बाइक गाड़ाघाट नदी के पास खड़ी मिली। दोनों ने ग्राम रामपुर थाना पहुंचकर अपने भाई की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी। पुलिस जांच में नदी के पास काशीराम का स्कूल का बैग मिला जिसमें छात्रवृत्ति के कागजात थे। इस दौरान दो लोगों ललित और मुकेश ने पुलिस को बताया कि शशि यादव ने उसे नदी में धक्का दिया है। पुलिस ने शव की तलाश कर शव निकलवाया और दोनों भाईयों ने शव की शिनाख्त अपने भाई के रूप में की। तमाम गवाह और सबूतों के अलावा परिस्थिजन्य साक्ष्य को देखते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवेश उपाध्याय ने आरोपी को आजीवन कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।