इटारसी। रेलवे स्टेशन (Railway Station) के प्लेटफार्म नंबर दो और तीन के क्रासिंग पर कमलापति-सहरसा स्पेशल ट्रेन (Kamlapati-Saharsa Special Train) नम्बर 01663 आज शाम करीब 6:30 बजे यहां पटरी से उतर गई। सूचना मिलते ही स्थानीय आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच की, लेकिन कुछ भी बोलने से बचते रहे। घटना स्थल पर सूत्रों से यह जानकारी मिली कि पाइंट्समेन नरोत्तम मीना (Pointsman Narottam Meena) ने ट्रेन (Train) को पटरी से उतरते देखा तो तत्काल कोच में चढक़र उन्होंने चेन पुलिंग (Chain Pulling) की और ट्रेन को रोका, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। जब ट्रेन प्लेटफार्म पर आ रही थी, इंजन से चौथी और पांचवी बोगी बी 1 और बी 2 पटरी से उतर गयी हैं। घटना के दौरान यात्रियों में भय व्याप्त हो गया। हालांकि दोनों ही कोच में सवार कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ है। फिलहाल दोनों पटरी से उतरे डिब्बों को वापस पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।
मैसूर-रानी कमलापति-सहरसा एक्सप्रेस (Mysore-Rani Kamalapati-Saharsa Express) के बेपटरी होने के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। ट्रेन के कोच पटरी से उतर जाने के बाद ट्रेन के यात्री भी नीचे उतरे और ट्रेन के दोनों तरफ हादसे की जानकारी लेते रहे। हादसा चूंकि प्लेटफार्म के पास ही हुआ है तो किसी को अधिक परेशानी नहीं हुई। घटना की जानकारी मिलने के बाद आरपीएफ जीआरपी और रेलवे अधिकारी की टीम मौके पर पहुंची। ट्रेन की बोगी को प्लेटफार्म पर लाने के लिए रेस्क्यू किया जा रहा है। हादसे के बाद दोनों कोच में सवार यात्रियों को दूसरे कोचों में शिफ्ट किया गया है। प्लेटफार्म दो पर आने वाली ट्रेनों को अन्य प्लेटफार्म पर लिया जा रहा है।
रानी कमलापति से बेगूसराय जा रहे यात्री हेमंत राज ने बताया कि ट्रेन प्लेटफार्म पर आ रही थी, यहां दस मिनट का स्टॉपेज था, हमें लगा कि यहां कुछ खा लेंगे, इस बीच अचानक बहुत तेज घड़घड़ाहट की आवाज आयी और किसी ने फिर चेन पुलिंग कर दी और ट्रेन रुक गयी। नीचे उतरकर देखा तो पता चला कि दो बोगी पटरी से उतरी हैं। इसी तरह से एक अन्य यात्री विजय कुमार ने बताया कि वे रानी कमलापति से बेगूसराय जा रहे थे, ट्रेन के गेट पर खड़े थे, सोचा इटारसी में थोड़ी देर बाहर खड़े होंगे कि अचानक बहुत तेज आवाज के साथ बोगी पटरी से उतर गयी और झटके लगने लगे। हमें बताया गया कि यहां तीन घंटे लगेंगे।
रानी कमलापति से पटना जा रहे रामवीर ठाकुर ने बताया कि उनके कोच के आगे वाला कोच पटरी से उतरा है, हालांकि ट्रेन काफी धीमी थी तो किसी को कोई चोट वगैरह नहीं आयी है, लेकिन अब चिंता यह हो रही है कि कितनी देर यहां रुकना पड़ेगा। पटना पहुंचने में वैसे ही टाइम लगता है, और दो से तीन घंटे की देरी हो जाएगी।
दस दिन में दूसरी घटना
इटारसी में दस दिनों के भीतर ट्रेन के डीरेलमेंट होने की दूसरी घटना सामने आ गई है। इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व एक गुड्स ट्रेन पटरी से उतरी थी। एक सप्ताह पहले भी एक मालगाडी रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर चुकी है। उक्त मालगाड़ी के पटरी से उतरने के कारण पांच घंटे तक मुंबई जाने और आने वाली ट्रेनों के पहिए थम गए थे। बमुश्किल पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कोच को पटरी पर लाया गया था।
नहीं है स्टेशन अधीक्षक
खास बात यह है कि इटारसी रेलवे जंक्शन प्रदेश का सबसे बडा रेल जंक्शन है। लेकिन परिचालन विभाग के अंतर्गत यहां कोई भी जिम्मेदारी अधिकारी मौजूद नहीं है। स्टेशन प्रबंधक का तबादला होशंगाबाद होने के बाद यहां कोई भी स्टेशन प्रबंधक नहीं आया है। ऐसे में स्टेशन प्रबंधक की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर के हवाले है।
दोनों कोच किए गए अलग
प्लेटफार्म पर इंटर के दौरान पटरी से कोच उतरने का मामला सामने आते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। रेलवे अस्पताल की एंबुलेंस और चिकित्सक स्टाफ भी तत्काल मौके पर पहुंचा। हालांकि इस घटना में किसी के भी घायल होने की जानकारी सामने नहीं आई है। रेलवे द्वारा दोनों कोच को आगे और पीछे से अलग किया। इसके बाद उक्त ट्रेन को दूसरे प्लेटफार्म पर लाकर दोनों कोच के यात्रियों को अन्य कोच में शिप्ट किया गया। इस दौरान एसी बंद होने के साथ यात्री पानी के लिए भी परेशान हुए।