- एनएचएआई ने मंदिर में कर दिया नोटिस चस्पा
- विहिप ने एनएचएआई के अफसरों को पत्र भेजा
- मंदिर निर्माण में गुणवत्ता की जांच की मांग की
रीतेश राठौर, इटारसी। नेशनल हाईवे पर केसला में विस्थापित किये जा रहे मंदिर का मुद्दा अब प्रशासन और विश्व हिन्दू परिषद के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्र बन गया है। एनएचएआई ने मंदिर को विस्थापित करने के लिए हनुमान मंदिर पर नोटिस चस्पा कर दिया है। प्रशासन जल्द से जल्द मंदिर विस्थापन चाहता है, जबकि मंदिर समिति के पक्ष में आयी विश्व हिन्दू परिषद और ग्रामीण मंदिर निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए अधूरे मंदिर में विस्थापन का विरोध कर रहे हैं।
टकराव के बीच एनएचएआई ने मंदिर में नोटिस चस्पा कर दिया है तो विश्व हिन्दू परिषद ने एनएचएआई के दिल्ली मुख्यालय सहित कलेक्टर को पत्र देकर मंदिर निर्माण मामले में जांच की मांग करते हुए पत्र प्रेषित कर दिया है। विहिप की मांग है कि मंदिर निर्माण की गुणवत्ता की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। मंदिर निर्माण में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विहिप के प्रांत सहमंत्री गोपाल सोनी का कहना है कि जब नये मंदिर के गुणवत्ता की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग उठी तो अधिकारियों ने न्याय को प्रभावित करने के लिए हनुमान जी के मंदिर पर नोटिस चस्पा कर दिया।
आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों
सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर एनएचएआई के अधिकारी इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं, जबकि सुखतवा से केसला और केसला से इटारसी के बीच बहुत काम बाकी है। यह सारा काम छोड़कर आखिर मंदिर हटाने पर ही अधिकारी क्यों तुले हुए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र देकर इस पर भी संज्ञान लेने को कहा है कि अभी इटारसी से सुखतवा तक काफी काम बाकी है, जिसे पूर्ण होने में कई महीनों का समय लग सकता फिर भी एनएचएआई के अधिकारी जल्दबाजी क्यों कर रहे हंै। मंदिर के नये स्थान पर स्थापित करने के लिये सभी सहमत है फिर क्यों हठधार्मिता कर रहे हैं, अधिकारी?
मंदिर के लिए 17 लाख स्वीकृत हैं
मंदिर निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 17 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। प्राधिकारण के स्थानीय सलाहकार इंजीनियर श्रीप्रकाश भारद्वाज के मार्गदर्शन में पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर कन्हैया रैकवार द्वारा मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। एनएचएआई से मान्यता प्राप्त इंजीनियर एलएन मालवीय भोपाल ने डिजाइन तैयार की है, जिसे प्राधिकरण ने स्वीकृत किया है, लेकिन निर्माण इसके विपरीत किया जा रहा है। यह भी आरोप हैं कि मंदिर की बुनियाद में जो सामग्री लगायी है, मापदंड के अनुरूप नहीं है। जो भूमिगत पिलर डाले हैं, उनमें रेमर नहीं चलाया जबकि स्वीकृत डिजाइन में दो बार रेमर चलाने के स्पष्ट निर्देश हैं।
धमाकों से भी हो सकता खतरा
केसला से करीब 7 किलोमीटर दूर भारतीय रक्षा संस्था का प्रूफ रेंज है, जहां प्रतिदिन गोलों का परीक्षण किया जाता है। इनके धमाकों से मंदिर भवन को सुरक्षित रखने के लिए डिजाइन में केप बनाने का प्रावधान था किन्तु गैर तकनीकि ठेकेदार ने कैप न बनाकर प्लेन पिलर का निर्माण कर दिया। बीम और कॉलम भी स्वीकृत डिजाइन के नहीं है एवं जिस स्टील का प्रयोग किया है, वह भी संदेह के घेरे में है। इस तरह के और भी कई बिन्दुओं को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने एनएचएआई के आला अधिकारियों को दिल्ली पत्र भेजा है साथ ही कलेक्टर को भी पत्र भेजकर संपूर्ण मामले में जांच की मांग की है।