इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय इटारसी (Government Mahatma Gandhi Memorial Postgraduate College Itarsi) के हिंदी विभाग के तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार (National Webinar) का आयोजन रामकथा (Ramkatha) के सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम विषय पर हुआ।
शुभारंभ प्राचार्य डॉ पीके पगारे (Principal Dr. PK Pagare) एवं प्राध्यापकों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं उनके समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। छात्रा रेशमी विश्वकर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। डॉ. पगारे ने स्वागत उद्बोधन में रामकथा को समसामयिक प्रसंगों से जोड़कर वर्तमान में उन्हें जीवन में अनुकरण करने का संदेश दिया। विषय का प्रवर्तन करते हुए हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. संतोष अहिरवार ने बताया कि रामकथा भारतीय जनमानस का कंठहार है, उसमें प्रस्तुत कथा प्रसंग, चरित, सृष्टि, विचार, वैभव रसात्मकता जीवन दर्शन आदि विशेषताओं में भारतीय संस्कृति को दिशा निर्देशित किया है। शासकीय नर्मदा स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Government Narmada Postgraduate College) के हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ कृष्णगोपाल मिश्र ने कहा कि भारतीय समाज संगठन में विश्वास रखता है। सेवा और सहयोग भारतीय परिवार को सुख संबंध बनाए रखने वाले महत्वपूर्ण कारक है। रामकथा पारिवारिक संगठन को सुरक्षित रखनें और बनाने की दृष्टि से बेजोड़ है। रामकथा के पात्र एक दूसरे के लिए आदर्श प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म, स्वच्छता, नैतिकता, मानवता, सामाजिक समरसता, कराधान, जन-जन की सुरक्षा, पारिवारिक सामंजस्य जैसे विभिन्न पहलुओं को छुआ और सुंदर ढंग से रखा। डिगबोई महिला महाविद्यालय तिनसुकिया असम (Digboi Women’s College Tinsukia Assam) के हिंदी के प्राध्यापक डॉ हरे राम पाठक ने रामचरितमानस का काक भुसुंडि गरुण संवाद को समसामयिक संदर्भ से जोड़ते हुए उसकी प्रासंगिकता को बताया कि गुरु शिष्य परंपरा किस प्रकार की होती है। समापन पर वरिष्ठ प्रध्यापक डॉ. राकेश मेहता ने रामकथा की सुंदर चौपाइयों का गायन कर समा बांध दिया। संचालन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक मनीष कुमार चौरे ने, आभार प्रदर्शन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ संतोष अहिरवार ने किया।