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संगीत सम्राट तानसेन के मकबरे का इतिहास और उसकी वास्तुकला जाने सम्‍पूर्ण जानकारी…

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संगीत सम्राट तानसेन के मकबरे का इतिहास और उसकी वास्तुकला जाने सम्‍पूर्ण जानकारी…

तानसेन का परिचय (Introduction To Tansen)

तानसेन

नामतानसेन
असली नामरामतनु
जन्म तिथि1506
जन्म स्थानग्वालियर, मध्यप्रदेश
पिता का नाममुकुंद मिश्रा
पत्नीहुसैनी
बच्चों के नामहमीरसेन, सुरतसेन, तानरास खान, सरस्वती देवी और बिलास खान
धार्मिक दृश्यहिंदू धर्म
पेशासंगीतकार
मृत्यु1589
मृत्यु का स्थानआगरा
पुरूस्कारअकबर द्वारा मियाँ शीर्षक उन्हें प्रदान किया गया था

तानसेन का मकबरा (Tansen’s Tomb)

तानसेन

तानसेन का मकबरा मध्‍यपदेश के ग्‍वालियर जिले में स्थित एक पर्यटक स्‍थल हैं। जिसे तानसेन स्मारक, कब्र भी कहा जाता हैं। तानसेन को उनके गुरु मुहम्मद गौस के साथ यहाँ दफनाया गया था। इस मकबरे जैसे और कोई भी मकबरा अभी तक नहीं बना। इस मकबरे में बहुत ही कलाकारी की गयी हैं। इस मकबरे की खिड़कियों,दरवाजे की खूबसूरती देखते ही बनती हैं। इस मकबरे को इस प्रकार से बनाया गया हैं की सूर्य की रौशनी और हवा दोनों ही बिना अवरोध के अंदर प्रवेश कर सकें। मकबरे के बीच एक गुम्बद हैं। यही दोनों शख़्शियत की कब्र स्थापित हैं।

तानसेन कौन थे (Who Was Tansen)

तानसेन

तानसेन का जन्म के मध्यप्रदेश राज्य के ग्वालियर में एक हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता मुकुंद मिश्रा एक प्रसिद्ध कवि और एक धनी व्यक्ति थे। जन्म के समय तानसेन का नाम रामतनु रखा गया था। बचपन में तानसेन में एक गुण ऐसा था कि वह पक्षियों और जानवरों की पूरी तरह से नकल कर लेते थे और शेरों की नकल करके जंगलों से गुजरने वाले कई पुजारियों और आम लोगों को डराते थे। एक बार प्रसिद् संत संगीतकार कवि स्वामी हरिदास जगंल से जा रहें थे। तभी उन्‍होंने तानसेन को यह सब करते देखा और उनके कौशल को पहचाना और उन्हें अपने शिष्य बना लिया।

शिक्षा (Education)

तानसेन

तानसेन ने शिक्षा की शुरूआत संगीत से ही की। जब उन्हें स्वामी हरिदास ने आपना शिष्य बनाया। तब से 10 वर्ष तक उन्‍होंने संगीत का ही अध्ययन किया। क्‍योकि हरिदास गायन की ध्रुपद शैली के प्रतिपादक थे। तानसेन के शि‍क्षा ग्रहण करने के बाद उनके गुरू के अलावा संगीत के क्षेत्र में कोई उनकी बराबरी नहीं कर सका।

तानसेन का विवाह (Tansen’s marriage)

तानसेन

राजा मानसिंह की विधवा पत्नी रानी मृगनयनी भी बड़ी मधुर तथा विदुषी गायिका थी। वे तानसेन का गायन सुन कर बहुत प्रभावित हुईं। उन्होंने अपने संगीत में शिक्षा पाने वाली हुसैनी ब्राह्मणी नाम की एक सुमधुर गायिका लड़की के साथ तानसेन का विवाह कर दिया। हुसैनी का वास्तविक नाम प्रेमकुमारी था। हुसैनी के पिता सारस्वत ब्राह्मण थे किंतु बाद में यह अपरिवार मुस्लिम धर्म में दीक्षित हो गए। प्रेमकुमारी का इस्लामी नाम हुसैनी रखा गया। ब्राह्मणी कन्या होने के कारण सभी उसे हुसैनी ब्राह्मणी कहकर पुकारते थे  इसी से तानसेन का घराना ‘हुसैनी घराना’ कहा जाने लगा था।

अकबर के दरबार में गायन (Singing in Akbar’s court)

तानसेन

तानसेन रीवा के राजा रामचंद्र के दरबार में गायक के रूप में कार्य करते थे। तानसेन के संगीत की कहानियां चारों ओर फैली हुई थी। अकबर को इस संगीतकार के बारे में पता चला तो उन्‍होने तानसेन को अपने दरबार में बुलाया और उनके संगीत को सुना। तानसेन का संगीत सुनकर इतने खुश हुऐ और तानसेन को एक लाख सोने के सिक्‍के का इनाम दिया। तभी से तानसेन अकबर के पसंदीदा गायक बन गए थे।

तानसेन की रचनाएँ (Compositions of Tansen)

तानसेन

  • संगीतसर
  • रागमाला
  • श्रीगणेश स्तोत्र

संगीत में योगदान (Contribution in Music)

तानसेन

तानसेन ने भैरव, दरबारीरोडी, दरबारीकानाडा, मल्हार, सारंग और रागेश्वरी सहित कई रागों की रचना की।  यह सभी शास्त्रीय संगीत की नींव माने जाते हैं। यहां माना जाता हैं कि उन्होंने रागों की खोज की हैं। जिससे उन्हें सरल और समझने में आसानी होती हैं। संगीत की दुनिया में उनका योगदान अनमोल हैं। और इसलिए उन्हें आज भी दुनिया भर के प्रमुख गायकों और संगीतकारों के रूप में पूजा जाता हैं।

तानसेन अवार्ड (Tansen Award)

तानसेन

तानसेन सम्मान एक ऐसा पुरस्कार हैं। जो भारत सरकार द्वारा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के उत्कृष्ट प्रतिपादकों को दिया जाता हैं। यह हर साल दिसम्बर में तानसेन की कब्र के पास ही ‘तानसेन समारोह’ आयोजित किया जाता हैं। जिसमे हिन्दुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक का तानसेन सम्मान और तानसेन अवार्ड दिया जाता हैं। उनके द्वारा निर्मित राग सदा उनकी प्रतिभा के गौरवमय इतिहास का स्मरण कराते रहेंगे। भारतीय संगीत के अखिल भारतीय गायकों की श्रेणी में संगीत सम्राट तानसेन का नाम सदैव अमर रहेंगा।

तानसेन की विरासत और आधारित फिल्में (Legacy & Films based on Tansen)

तानसेन

तानसेन के गायन पर कई फिल्में बनी हैं। इन फिल्‍मो में गायक की जीवन कहानी को दिखाई गई हैं। इनमें से कुछ फिल्में तानसेन(1943) तानसेन (1958), संगीत सम्राट तानसेन (1962) और बैजू बावरा (1952)  हैं।

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तानसेन की मृत्यु (Tansen Death)

तानसेन

तानसेन का मृत्‍यु सन् 1586 में आगरा शहर में हुई थी। उनकी मृत्यु के कारण के बारे में कोई स्पष्ट संदर्भ नहीं हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि राग दीपक के साथ प्रयोग करते समय उन्होंने खुद को उस अग्नि में ख़त्म कर लिया था। मगर इस बात का भी कोई सबूत नहीं हैं।

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