पीआईसी ने शहर को वन स्टार रेटिंग दी
इटारसी। अब शहरों को सफाई व्यवस्था पर स्टार रेटिंग मिलेगी। यह कचरामुक्त शहर की परिकल्पना है, जो इस बार भारत सरकार लागू कर रही है। एक ऐसा शहर जहां किसी भी दिन के किसी भी समय, किसी भी स्थान पर कोई भी कचरा न पाया जाए। कचरा केवल कूड़ेदान और डंपिंग स्थल पर ही हो।
भारत सरकार के मंत्रालय शहरी विकास मंत्रालय ने पिछले वर्ष स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के सभी शहरों को कचरा मुक्त करने का अभियान चलाया था। अब उनकी स्टार रेटिंग तय की जाएगी। इसके लिए कुछ मापदंड तय किए हैं, इन मापदंडों का निरीक्षण करने केन्द्र सरकार की टीम सभी शहरों का दौरा करेंगी और मापदंड पर खरे उतरने वाले शहरों को 7 स्तर की रेटिंग मिलेगी। आज प्रेसीडेंट इन कौंसिल की बैठक में शहर को वन स्टार की रेटिंग प्रदान की गई है। अब इसके दस्तावेज परीक्षण हेतु संचालनालय भेजे जाएंगे और फिर वहां से तय एजेंसी के प्रतिनिधि आकर सौंपे गए दस्तावेज के अनुसार व्यवस्था का परीक्षण करेंगे। यदि सब कुछ बताए अनुसार मिला तो शहर को वन स्टार रेटिंग मिल सकती है। बैठक में नपाध्यक्ष श्रीमती सुधा अग्रवाल, सीएमओ अक्षत बुंदेला, सभापति रेखा मालवीय, जसबीर सिंघ छाबड़ा, राकेश जाधव, महेन्द्र चौधरी सहित नपा के विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
अभी दावे-आपत्ति ली जाएगी
स्टार रेटिंग में नपा शहर में सफाई के लिए जो कर रही है, उसके दस्तावेज सौंपेगी। इसका प्रमाण जनता देगी। आगामी पंद्रह दिन में जनता सेे दावे और आपत्ति ली जाएगी। जनता बताएगी कि शहर में घर-घर कचरा संग्रह हो रहा है या नहीं, कचरे का पृथक्करण हो रहा है या नहीं, सार्वजनिक, व्यावसायिक एवं आवासीय क्षेत्रों में सफाई की स्थिति, कूड़ेदान की व्यवस्था, थोक अपशिष्ट उत्पादकों का अनुपालन, वैज्ञानिक रीति से अपशिष्ट का निपटान, वैज्ञानिक लैंडफिल तथा निर्माण एवं विध्वंस, अपशिष्ट प्रबंधन जैसी बातों पर जनता को आगामी पंद्रह दिन में नपा में दावे-आपत्ति पेश करनी होगी। इन मापदंडों को सबसे पहले तो नगरीय निकाय को ही अपने स्तर पर प्रमाणित करने होंगे, इसके बाद उन्हें रेटिंग प्रदान की जाएगी।
शहरों को कचरा मुक्त करना उद्देश्य
इस योजना का मूल उद्देश्य तो यही है कि शहरों को कचरा मुक्त किया जाए और वहां रहने वालों को बेहतर माहौल मिल सके। इसके साथ ही शहरों में बेहतर साफ-सफाई हो, कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निबटान हो ताकि उससे भू-जल दूषित न हो। शहर में अभी भी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन योजना लागू है। कचरे का पृथक्ककरण हो रहा है। बावजूद इसके इस रेटिंग व्यवस्था में उत्पादित कुल कचरे का शत प्रतिशत वैज्ञानिक तरीके से निपटान होता हो, पूर्व में जमा समस्त ठोस अपशिष्ट का उपचार कर लिया गया हो एवं शहर में सभी ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन किया जा रहा हो, कचरा मुक्त शहर कहलाएगा। शहर में उत्पादित कचरे की मात्रा में कमी आनी चाहिए।
पीआईसी में इन पर भी विचार
मुख्यमंत्री शहरी विकास अधोसंचना योजना अंतर्गत निविदा उपरांत प्राप्त निविदा का दर अनुमोदन किया, यह राज्य सरकार को भेजा जाएगा
सफाई कार्य हेतु 145 अकुशल श्रमिक 12 सप्ताह के लिए साप्ताहिक मस्टर पर रखने की स्वीकृति प्रदान की गई
निर्माण कार्यों की तकनीकि स्वीकृति जल्द से जल्द कराके विकास कार्यों को गति दी जाएगी
सड़क पर यहां-वहां खड़े रहने वाले फल ठेले वालों को फल बाजार में शिफ्ट किया जाएगा।
पुलिस और राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए बाजार को हाथठेला मुक्त किया जाएगा।
फेस्टिबल सीजन शुरु होने वाला है, इसे ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण स्थानों की सफाई और अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
पॉलिथिन मिली तो 1 हजार तक जुर्माना लगेगा
नगर पालिका अब जिस भी दुकान पर 50 माइक्रॉन की मोटाई से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के प्रयोग, बिक्री व भंडारण पर लगे प्रतिबंध को सख्ती से लागू करेगी। इन मापदंडों से परे जिनके पास भी पॉलिथिन मिली, उन पर दो सौ से एक हजार रुपए तक जुर्माना किया जा सकता है। अध्यक्षीय परिषद ने आज इस पर चर्चा करके सख्त कार्रवाई करने पर सहमति जतायी है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी अक्षत बुंदेला ने बताया कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के प्रावधानों के अनुरूप 50 माईक्रोन की मोटाई से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के प्रयोग, बिक्री व भंडारण पर प्रतिबंध है। 50 माईक्रोन की मोटाई से अधिक की प्लास्टिक से बने कैरीबैग के उपयोग की अनुमति रहेगी। यदि इन मापदंडों से परे जाकर कोई पॉलिथिन का प्रयोग, बिक्री व भंडारण करते मिला तो उसके खिलाफ सख्ती से जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।