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कलंक तो श्रीकृष्ण पर भी लगा, मानव सेवा भी सिखाई

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इटारसी। दान पुण्य के माह माघ के पावन अवसर पर ग्राम सोनासांवरी एवं सोनतलाई में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा समारोह ज्ञानयज्ञ का समापन मोनी अमावस्या पर महाआरती और भंडारे से हुआ। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने कथामृत का लाभ अर्जित किया।
माघ में जगह-जगह हो रहे धार्मिक अनुष्ठानों के समान ही ग्राम सोनतलाई में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह के समापन दिवस में प्रवचनकर्ता संजय कृष्ण व्यास ने कहा कि झूठ का कलंक ऐसा है जिससे हम तो क्या स्वयं परमात्मा श्रीकृष्ण भी नहीं बच पाए। आचार्यश्री ने बताया कि राजा सतराजीत ने प्रभु श्री कृष्ण पर मणि चोरी के साथ ही अपने पुत्र प्रसनजीत की हत्या का आरोप भी लगाया लेकिन प्रभु श्रीकृष्ण ने अपने मनोयोग से चोरी और हत्या का पता लगाकर अपने ऊपर लगे कलंक को दूर किया। अत: जीवन में अगर कोई कलंक हमारे ऊपर लगता है तो उसे मिटाने का सामथ्र्य हममें होना चाहिए। समापन दिवस की कथा के अवसर पर मुख्य यजवान शैलेन्द्र यादव, हेमंत यादव के साथ ही मुख्य अतिथि पं. राजीव दीवान ने आचार्य संजय कृष्ण व्यास का स्वागत सम्मान किया। अंत में महाआरती एवं भंडारे के साथ कथा समारोह सम्पन्न हुआ।
ग्राम सोनासांवरी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह के समापन दिवस पर आचार्य रामेश्वर शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के अनेक प्रसंगों का आध्यात्मिक वर्णन करने के साथ ही गौसेवा के महत्व पर विशेष प्रकाश डालते हुए किसानों से निवेदन किया कि हम खेत में गेहूं, धान एवं इनके बीच में बचे समय में भी मूंग की फसल का उत्पादन कर अपनी आजीविका तो बढ़़ा रहे हैं लेकिन गौमाता की आजीविका छीन रहे हैं। अगर गौवंश पृथ्वी से विलुप्त हो गया तो सभी प्रकार के दान, पुण्य एवं धर्म कार्य महत्वहीन हो जाएंगे। उन्होंने स्वयं के द्वारा आदिवासी विकासखंड केसला में 18 एकड़ की भूमि पर बनाई जा रही गौशाला का उल्लेख कर श्रोताओं से सेवा कार्य करने का निवेदन किया। समापन अवसर पर मुख्य यजवान अनिता दामोदर चौधरी के साथ ही चौरिया कुर्मी समाज संगठन के नवल पटेल, शिवजी पटेल, तरुण मोदी, अखिलेश चौधरी, गोकुल पटेल, अरुण बड़कुर, रूपेन्द्र पटेल एवं कृष्ण कृपा परिवार के रमेश परिहार, ललित पटेल, डॉ. ब्रजमोहन चौधरी आदि ने आचार्य श्री शर्मा का स्वागत सम्मान किया। तत्पश्चात महाआरती एवं भंडारा हुआ जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

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