इटारसी। पशु प्रजनन प्रक्षेत्र में अनुपयोगी बताकर करीब एक दर्जन पेड़ काटने के मामले में अब सवाल उठने लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि आम के पेड़ काटने की अनुमति ली गई थी और सागौन और शीशम के पेड़ भी काटे गये हैं। हालांकि प्रबंधन ऐसी किसी भी बात से इनकार करके केवल आम के सूखे पेड़ काटने की बात कह रहा है।
पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कीरतपुर के कैंपस में कुछ पेड़ काटे गये हैं। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए आम के पेड़ काटने की अनुमति ली गई और सागौन और शीशम के पेड़ भी काट दिये गये हैं। हालांकि प्रबंधन का कहना है कि ये अनुपयोगी थे और सूख चुके थे। वन विभाग से अनुमति ली गई और बाकायदा इसके लिए अखबार में विज्ञापन भी दिया गया था। पेड़ काटने की पूरी प्रक्रिया अपनायी गयी है, इसमें कहीं कुछ गलत नहीं है।
प्रबंधक एके श्रीवास्तव का कहना है कि ये पेड़ अनुपयोगी थे, सूख चुके थे, और जानवर इनसें टकराकर निकलते थे, इसलिए इनको कटवा दिया गया है। सागौन और शीशम के पेड़ काटने के सवाल पर कहा कि यहां शीशम नहीं है, जंगल में हैं। हमने तो केवल आम के सूखे पेड़ काटे हैं और इसका अखबार में इश्तिहार भी दिया था।
बहरहाल, तस्वीरें तो कुछ और ही बयां कर रही हैं। तस्वीर में शीशम के पेड़ भी कटे हुए दिखाई दे रहे हैं और सागौन के भी। यदि इस मामले में वन विभाग पूरी निष्पक्षता से जांच करे तो सच्चाई सामने आने में देर नहीं लगेगी। सच जो भी हो, लॉक डाउन की अवधि में इस तरह की कार्यवाही पर सवाल उठने लगे हैं।