---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
  yasr-loader

कुछ व्यापारी ई मार्केट के पक्ष में तो कुछ विपक्ष में

By
On:
Follow Us

ऑन लाइन खरीदी के लिए व्यापारियों को ट्रेनिंग
इटारसी। देश में खरीद व्यवस्था को ऑन लाइन करने की मंशा से आगे बढ़ रही सरकार के कदम को जहां कुछ लोग पसंद कर रहे हैं तो कुछ लोग अभी यह कहकर इसे नापसंद कर रहे हैं कि अब लोग उतने शिक्षित नहीं हैं कि इस तरह की तकनीक को अपना सकें। ऐसा ही विचार आज राष्ट्रीय कृषि बाजार के मामले में व्यापारियों के बीच देखने को मिले। कुछ व्यापारी इसके समर्थन में हैं तो कुछ समर्थक तो हैं, लेकिन इसके लिए वर्तमान वक्त और परिस्थिति को सही नहीं मान रहे हैं।
आज कृषि उपज मंडी परिसर में मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड की तरफ से कंसल्टेंट एजेंसी के प्रतिनिधि ने आकर राष्ट्रीय कृषि बाजार के विषय में व्यापारियों को प्रशिक्षित किया, इस दौरान आने वाली परेशानियों को पूछा और व्यापारियों के प्रश्नों के जवाब दिए, उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। मंडी सभागार में हुई इस ट्रेनिंग में व्यापारियों को ई-मार्केट की जानकारी दी और बताया कि इसके माध्यम से कैसे काम होगा। मंडी बोर्ड भोपाल की ओर से सर्विस प्रोवाइडर फर्म आरपी एसोसिएट्स की रिशका आहुजा ने यह प्रशिक्षण प्रदान किया।
ये रहे ट्रैनिंग के विषय
ई-मार्केट के प्रति अवेयरनेस
ऑन लाइन बिडिंग कैसे हो
माल का सेंपल कैसे लिया जाएगा
व्यापारियों की परेशानी जानी
बदलाव करने सुझाव भी मांग
ये रहेंगे फायदे
व्यापारी को आल इंडिया में एक से भाव मिलेंगे
किसान को पूरे देश में उपज बेचने का विकल्प
व्यापारी कहीं से भी बोली लगाकर खरीद सकेगा
व्यापारियों ने क्या किया
प्रशिक्षण के दौरान व्यापारियों ने कुछ व्यवहारिक समस्याओं पर अपनी बात रखी। ऑन लाइन बिडिंग के बाद माल की गुणवत्ता संबंधी सवाल किए, अपनी जिज्ञासाओं का समाधान चाहा। व्यापारियों का कहना था कि ओपन ढेर में खरीद करने पर तो व्यापारी माल को अपने सामने देखकर बोली लगाता है। ई-बाजार में सेंपल की एनालिसिस रिपोर्ट कैसे आएगी, माल वही मिलेगा कि नहीं। माल सही मिलेगा, इसकी गारंटी कौन लेगा। इस तरह के अनेक सवाल व्यापारियों के जेहन में थे, जो उन्होंने इस दौरान रखे।
ये परेशानी भी बतायी
कुछ व्यापारियों का मानना है कि यह व्यवस्था थोड़ी जल्दबाजी में हो रही है। अनाज खरीदी में लगा 70-80 फीसदी व्यापारी अभी भी स्मार्टफोन से दूर है। लगभग इतनी ही संख्या में किसान भी स्मार्टफोन नहीं रखते बल्कि किसान तो उतना शिक्षित और प्रशिक्षित भी नहीं होता है। ऐसे में राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना का संचालन बेहतर तरीके से कैसे हो पाएगा। कुछ बड़े व्यापारियों का मानना है कि यह काल्पनिक है, और केवल सुनने में ही यह अच्छा लगता है, इसका व्यावहारिक पक्ष देखें तो यह अभी ठीक नहीं है।
इनका कहना है…!
आज ई-मार्केट की ट्रेनिंग दी गई है, कुछ चीजें नई बतायी है, शेष तो हम जैसे करते हैं, वैसा ही रहेगा। माल खरीदी, लैब कैसे निकालेंगे, सेंपल कैसे जांचेंगे जैसे विषय पर प्रशिक्षण दिया गया है। फायदा यह है कि हम शहर से बाहर होने पर भी खरीद प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
शैलेष ओसवाल, युवा व्यापारी

मेरी नज़र में तो राष्ट्रीय कृषि बाजार का यह विचार ऐसा है कि यह सुनने में तो अच्छा लगता है, लेकिन यह पूरी तरह से काल्पनिक है, क्योंकि अभी लोग उतने प्रशिक्षित नहीं हुए हैं और सबके पास स्मार्टफोन भी नहीं होते हैं। देश को इसे अपनाने में अभी काफी वक्त लगने वाला है।
विजय राठी, वरिष्ठ व्यापारी

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.