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कृषि उपज मंडी: अब युवाओं को रोजगार दिलाने की तैयारी

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इटारसी। कृषि उपज मंडी समिति की बैठक आज दोपहर अध्यक्ष विक्रम तोमर की अध्यक्ष में हुई। बैठक में सचिव सुनील गौर ने रैसलपुर उपमंडी में 50 टन का बीओटी तौलकांटा स्थापित करने सहित अन्य चार प्रस्तावों पर चर्चा की। इसके अलावा मुख्यमंत्री युवा मंडी उद्यमी योजना के विषय में भी जानकारी दी।
मध्यप्रदेश की अ एवं ब श्रेणी की ऐसी अक्रियाशील उपमंडी तथा स एवं द श्रेणी की ऐसी मंडियां और उपमंडियों जहां, अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी उपलब्ध नहीं हैं, वहां सरकारी युवा शिक्षित बेरोजगारों को अनाज की खरीदी-बिक्री का प्रशिक्षण प्रदान करके उनको रोजगार उपलब्ध कराएगी। यह काम मुख्यमंत्री युवा मंडी उद्यमी योजना के अंतर्गत किया जाएगा। इससे न सिर्फ मंडी, उपमंत्री परिसर में कृषि उपजों का क्रय-विक्रय बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। योजना में मंडियां क्रियाशील होंगी और किसान लाभान्वित होंगे तथा मंडियों को शुल्क भी प्राप्त होगा। इससे अवैध व्यापार भी नियंत्रित हो सकेगा।
मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने इस आशय का पत्र मंडियों को भेजा है। बोर्ड का कहना है कि इस योजना को मंडी समिति की बैठक में रखकर व्यापारियों एवं अन्य कृत्यकारियों को अवगत कराते हुए योजना के क्रियान्वयन संबंधी कार्यवाही की जाए। योजना के विषय में आज मंडी सचिव सुनील गौर ने मंडी सभागार में हुई मंडी समिति की बैठक में संपूर्ण जानकारी प्रदान की है। बैठक में अध्यक्ष विक्रम तोमर, प्रतिनिधि देवेन्द्र पटेल, होशंगाबाद जनपद अध्यक्ष संगीता सोलंकी सहित सहित मंडी समिति के सदस्य व अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

ऐसे होगा योजना पर काम
मुख्यमंत्री युवा मंडी उद्यमी योजना पांच चरणों में होगी। आवेदक के आवेदन के बाद उसका चयन, उसका प्रशिक्षण, व्यवहारिक प्रशिक्षण, आवेदन की अनुज्ञप्ति स्वीकृत करना, इन्टर्नशिप के दौरान संबंधित मंडी समिति में अनुज्ञप्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत करेगा जिससे समयसीमा में आवेदन का परीक्षण कर अनुज्ञप्ति स्वीकृति की कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद ऋण स्वीकृति, जिसमें आवेदक को ऋण स्वीकृत कराने की कार्यवाही होगी।
कौन कर सकता है काम
योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश रहेगा। इसमें आवेदक को मप्र का मूल निवासी होना जरूरी है और उसकी योग्यता स्नातक होना चाहिए। आयु सीमा 21 से 35 वर्ष है। ऋण भी उसी को मिलेगा जो किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीय संस्था का डिफाल्टर नहीं हो या उसने किसी अशासकीय उद्यमी, स्वरोजगार योजना के अंतर्गता सहायता प्राप्त न की हो। इसी तरह से आवेदक को एक बार में इस योजना अंतर्गत एक ही बार सहायता मिलेगी।

प्रमाण पत्र भी मिलेगी
युवा मंडी उद्यमी को प्रशिक्षण उपरांत मंडी सचिव से प्रमाण पत्र मिलेगा। मंडी एवं उपमंडी में बीओटी आधार पर तौलकांटे एवं केंटीन तथा वेयर हाउस संचालन में भी प्राथमिकता दी जाएगी। मंडी, उपमंडी परिसर में अनाज, मिर्च, मसाले, फल, फूल की विभिन्न प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाने उद्योग विभाग, उद्यानिकी विभाग, खादी ग्रामोद्योग विभाग के संयुक्त समन्वय से लोन दिलाकर मंडियों एवं उपमंडियों में छोटी/बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट में प्राथमिकता मिलेगी।

यहां होगी चयन प्रक्रिया
प्राप्त आवेदन पत्र योजनांतर्गत संभागीय स्तर पर गठित विभागीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। संभागीय स्तर पर चयन समिति की अनुशंसा उपरांत प्राप्त आवेदन प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड को भेजे जाएंगे। आवेदन पत्रों का निराकरण एवं समीक्षा के लिए मंडी बोर्ड मुख्यालय स्तर पर गठित समिति रहेगी। गलत या भ्रामक जानकारी देने पर दंडात्मक कार्यवाही होगी। ऋण तथा ब्याज भुगतान में चूक पर सहायता भू राजस्व बकाया की तरह ही वसूल होगी।

इनका कहना है…!
मंडी बोर्ड से हमारे पास पत्र आया था, जो मंडी समिति की बैठक में रखकर सभी को जानकारी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री युवा मंडी उद्यमी योजना के लिए जल्द प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
सुनील गौर, मंडी सचिव

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