इटारसी। जिले के करीब पंद्रह से बीस स्थान पर लगी आग से एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए जिनमें से आग से झुलसने से एक की मौत हो गयी है। एडिशनल एसपी घनश्याम मालवीय ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली वैसे ही इटारसी, होशंगाबाद, सिवनी मालवा, आर्डनेंस फैक्ट्री, सीपीई, पिपरिया, बुदनी आदि से फायर ब्रिगेड बुलाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। कलेक्टर, एसपी, आईजी ने लगातार मॉनिटरिंग की। भोपाल और बैतूल भी खबर करके वहां से भी फायर ब्रिगेड बुलायी गयी है। करीब तेरह-चौदह लोगों के घायल होने की सूचना है जिसमें से एक की मौत की खबर आ रही है। कुछ लोगों के अधिक घायल होने पर भोपाल रेफर करने का प्रयास किया जा रहा है। देर रात कलेक्टर, एसपी और आईजी पांजराकला गांव पहुंचे और ग्रामीणों से घटना के विषय में जानकारी प्राप्त की।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की शाम करीब 5 बजे आधा दर्जन से अधिक गांवों में लगी आग ने करोड़ों रुपए की फसल जलाकर राख कर दी तो ग्राम पांजराकला में करीब दस लोग आग से झुलस गए और एक डंपर, एक ट्रक, एक पिकअप वाहन और दो मोटरसायकिल भी आग के हवाले हो गयी। आग ने खेत से गांवों की ओर रुख कर लिया तो पांजराकला में बाबूलाल और नानभाई का मकान जला दिया। शाम ढलते ही करीब एक हजार एकड़ का एरिया ऐसा लग रहा था मानो अग्नि देवता काफी क्रोधित हैं और सड़क किनारे खड़े करीब एक सैंकड़ा छोटे-बड़े पेड़ भी झुलस गए। रैसलपुर, निमसाडिय़ा, पांजराकलॉ, मेहराघाट, लोहारियाकलॉ, तारारोड़ा सहित अन्य गांवों में आग ने तांडव मचा दिया। अकेले पांजराकलॉ गांवों के किसानों की करीब सात सौ एकड़ फसल जलकर राख हो गयी जबकि सनखेड़ा में करीब 14 एकड़ की फसल जली है।
हवा ने बढ़ाई रफ्तार
शाम को काफी तेज आंधी चली जिससे आग ने काफी विकराल रूप धारण कर लिया और उसकी रफ्तार इतनी तेज हो गयी कि आग बुझाने खेतों में घुसा किसान भी भाग नहीं सका और झुलस गया। पांजराकलॉ के किसान जयप्रकाश पटेल ने बताया कि गांव के करीब दस लोग झुलसे हैं, दो बाइक जली, एक डंपर, एक ट्रक और दो मकान आग के हवाले हो गए। श्री पटेल के अनुसार करीब दो हजार मोटर सायकिलें लेकर किसान गांवों से आग बुझाने पहुंचे थे। लेकिन तेज आंधी से जब आग ने विकराल रूप धारण किया तो भगदड़ मच गयी और किसान मोटर सायकिल लेकर भागे तो कई गिरे और घायल भी हुए।
चार दमकल बौनी साबित
करीब आधा दर्जन गांवों में हर तरफ आग और तबाही का मंजर था। चार दमकलें आग बुझाने दौड़ रहीं थी। लेकिन जिस गांव तरफ से दमकल आती, उस गांव के लोग रोक लेते और वह आगे ही नहीं बढ़ पाती। किसी तरह पांजराकला तक एक दमकल आ सकी लेकिन उससे गांव को बचाने को प्राथमिकता दी गई। जो दो मकान आग के हवाले हुए थे, उनकी आग बुझाई गयी। फसल और नरवाई हर तरफ आग थी। यह पहली बार हुआ कि इतने बड़े रकबे में आग फैली और इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। देर रात तक किसान खेतों में और गांवों में जागकर सतर्क है कि कहीं आग की चिंगारी फिर न सुलग उठे। पांजराकलॉ, धौंखेड़ा, तारारोड़ा, लुहारियाकलॉ में किसान सड़क पर घूम रहे हैं।
पेड़ गिरे लाइन पर
तेज आंधी के कारण करीब एक सैंकड़ा छोटे-बड़े पेड़ धराशायी हो गये। कई बड़े पेड़ बिजली की लाइन पर जा गिरे जिससे सारे गांवों की बिजली व्यवस्था ठप हो गयी। हालात इतने खराब हो गए कि गांव के जेटपंप, नलकूप नहीं चलाए जा सके और इसके कारण आग बुझाने के प्राथमिक इंतजाम नहीं हो सके। केवल झाडिय़ां, कुए, स्प्रे पंप से किए गए प्रयास बौने साबित हुए। दमकल के इंतजार में ही आग तेजी से फैलती गयी। हवा ने आग को तेजी से दौड़ाया। इतनी तेजी से आग दौड़ रही थी कि किसान उसके बराबर नहीं भाग सका। देखते-देखते आग कई किलोमीटर तक चली गयी और अपने पीछे छोड़ गई सिर्फ तबाही का मंजर।
सनखेड़ा में भी आग का तांडव
शुक्रवार को भी ग्राम सनखेड़ा में छह किसानों की 13.48 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी है। होशंगाबाद में भी खोजनपुर के आसपास और पहाडिय़ा के पास खेत और नरवाई में देर शाम आग लग गयी। हालांकि आंशिक बारिश होने से यहां आग पर कुछ हद तक काबू किया गया लेकिन अन्य जगहों पर खेतों की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था।
नायब तहसीलदार एनपी शर्मा ने बताया कि दोपहर में हुई इस घटना में सनखेड़ा गांव के छह किसानों की फसल जली है। पटवारी सुश्री हरिता सिंधु सर्वे कर रही हैं। घटना में किसान हरेन्द्र पिता मोहनदास की 3.8 एकड़, भगवती प्रसाद घासीराम की 1.93 एकड़, लीलाबाई पति कालीचरण की 63 डिसमिल, विशाखा पति मोहन की 2.46 एकड़, वर्षा पति योगेन्द्र की 2.47 एकड़, घासीराम पिता मल्लू की 2.91 एकड़ सहित कुल 13.48 एकड़ खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी है।
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
खबर अपडेट : आग से एक दर्जन से अधिक घायल, एक की मौत
For Feedback - info[@]narmadanchal.com