सीपीई के मेज़र जनरल ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर की मांग
इटारसी। अब गर्मियों में इटारसी नगर पालिका सेना को भी पानी देगी. इसके लिए नगर पालिका के जल विभाग ने तैयारी शुरु कर दी है। दरअसल पिछले वर्ष सीपीई के आवासीय क्षेत्र में भीषण पेयजल संकट को देखते हुए सीपीई प्रबंधन ने नगर पालिका को पत्र लिखकर पानी की मांग की थी। पिछले वर्ष मार्च में सीपीई की ओर से एक पत्र नगर पालिका को मिला था। पत्र के जवाब में नगर पालिका ने पाइप लाइन विस्तार के लिए राशि जमा करने को कहा था, लेकिन फिर बात आगे नहीं बढ़ सकी. इस वर्ष गर्मी की आहट सुनाई देने पर सीपीई प्रबंधन ने फिर नगर पालिका से पानी की मांग की है। जिस पर नगर पालिका राजी हो गई।
दरअसल सीपीई के मुख्य अधिकारी मेज़र जनरल डीएस जॉली ने आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा से विश्राम गृह में मुलाकात करके उनके क्षेत्र में संभावित पेयजल संकट और वहां आवासीय परिसर में रहने वालों की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने पिछले वर्ष नगर पालिका को दिए पत्र का हवाला भी दिया है। विधानसभा अध्यक्ष से मेजर जनरल की मुलाकात के दौरान मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुरेश दुबे, विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल, सभापति भरत वर्मा, सीपीई से एमएल गौर भी मौजूद रहे. गर्मियों में सीपीई में पेयजल की जरूरत को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने सीएमओ से बातचीत करके उनकी यह मांग पूरी करने को कहा। सीएमओ श्री दुबे की तरफ से आश्वासन दिया है कि 1 मार्च तक सीपीई को पेयजल की आपूर्ति शुरु कर दी जाएगी।
सीपीई में जलस्तर होता है कम
गर्मियों में संपूर्ण सीपीई क्षेत्र में पानी की बड़ी किल्लत हो जाती है. यहां वर्षों पुराने खनन किए गए दो पंप हैं जो आज की आबादी के मान से पर्याप्त नहीं हैं। इसके अलावा जलस्तर भी लगातार नीचे जा रहा है तो ये उतना पानी भी नहीं दे पाते जिससे सीपीई आवासीय क्षेत्र, स्कूल और ऑफिस स्टाफ की मांग की पूर्ति हो सके। यही कारण है कि सीपीई प्रबंधन ने नगर पालिका से गर्मियों में पानी की मांग की है। पिछले कुछ वर्षों से सीपीई क्षेत्र में जल संकट हो रहा है। इसीलिए पिछले वर्ष भी सीपीई प्रबंधन ने नपा से पानी मांगा था।
डेढ़ हज़ार की आबादी पर दो पंप
यहां 70 के दशक में खोदे गए दो पंप उस समय के मान से ठीक थे लेकिन आज के मुताबिक यह मांग के अनुरूप जल आपूर्ति नहीं कर पाते हैं। हालांकि गर्मियों के अलावा अन्य दिनों में यहां मांग के अनुरूप पानी मिल पाता है, लेकिन गर्मियों की शुरुआत से ही लगातार जलस्तर नीचे जाता है और पानी कम होता है। वर्तमान में सीपीई में करीब 350 आवास में एक से डेढ़ हजार की आबादी है, इसके अलावा सेना का दफ्तर, केन्द्रीय विद्याय और प्रायमरी स्कूल भी है। इन सबके लिए भी यही दो पंप जल की आपूर्ति करते हैं।
इतना पानी मांगा है सीपीई ने
सीपीई की ओर से पिछले वर्ष मार्च माह में सीएमओ के नाम पत्र देकर मांग की थी कि उनके यहां पेयजल संकट से निपटन पानी उपलब्ध कराया जाए। सीपीई प्रबंधन ने दो लाख गैलन प्रतिदिन की मांग की थी जिससे आवासीय, स्कूल और आफिस की मांग की पूर्ति की जा सके. पुन: मांग आने पर अब शनिवार को नपा के जल विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे तथा उसके अनुसार पानी देने की योजना तय की जाएगी। सीपीई तक पानी पहुंचाने के लिए नपा को 15 सौ मीटर पाइप लाइन भी डालना पड़ेगा।
इनका कहना है…
हमसे पिछले वर्ष भी सीपीई प्रबंधन ने पानी मांगा था, उस वक्त स्थिति पानी देने की नहीं थी. इस वर्ष हमारी तैयारी है। मार्च के अंत तक मेहराघाट से भी पानी लाने की तैयारी चल रही है। हमारा प्रयास है कि हम 1 मार्च से सीपीई को पानी दे सकें।
सुरेश दुबे, सीएमओ
हम शनिवार को सीपीई क्षेत्र में जाकर मौके का निरीक्षण करेंगे। फिर शहरी क्षेत्र से किस जगह से पानी उपलब्ध कराया जाए, यह भी देखना पड़ेगा। हम यहां से उनके क्षेत्र की पेयजल टंकियों तक पानी भेजेंगे जहां से वे आगे सप्लाई करेंगे।
मुकेश जैन, सब इंजीनियर नपा
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गर्मियों में सेना को भी पानी देगी नगर पालिका
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