इटारसी। पुरानी इटारसी स्थित कैलाश विहार कालोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा वाचक पं रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा कि हमें भोजन और जल को ग्रहण करने से पहले गोविंद का नाम लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल ग्रहण करने से पहले मां नर्मदा का नाम लेकर उसे ग्रहण करना चाहिए। मां नर्मदा का नाम लेने जल पवित्र हो जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत की सभी नदियां तीर्थ के समान हैं। वैसे मां नर्मदा का जल भी तीर्थ के समान है। जब गंगा की मिट्टी पवित्रशाली ह,ै तो मां नर्मदा की मिट्टी भी पवित्रशाली है। पं रामेश्वर शर्मा ने कहा कि बुराई को पचाने की कोशिश करना चाहिए और बधाई को बांटने कि कोशिश करना चाहिए। दूसरे की बुराई करने से पहले हमें अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए, क्योंकि बुराई का अंत एक न एक दिन होगा। लेकिन बधाई बांटने से अच्छाई का अंत कभी नहीं होगा। पं शर्मा ने गौ माता को लेकर कहा कि गौ माता का गौ मूत्र बहुत बड़ी औषधि है जो बड़ी से बड़ी बीमारी को भी मिटा सकती है। इतना ही नहीं गौ मूत्र से गौ हत्या और ब्रह्म हत्या के पाप से भी मुक्ति मिलती है। हमारी गौ माता के गौ मूत्र में गंगा निवास करती है और उनके गौबर में मां लक्ष्मी निवास करती है। जिस घर में गौ माता होती है उस घर में मां लक्ष्मी, गंगा और सारे देवी देवता विराजमान हैं। पं रामेश्वर शर्मा ने कहा कि अगर गंगा माता तक नहीं जा पाओ तो गौ मूत्र लेकर गंगा मां का नाम लो, जो काशी विश्वनाथ में फल मिलेगा वही गौ मूत्र से भी मिलेगा। भागवत कथा के पांचवे दिन श्री कृष्ण कृपा भागवत परिवार के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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गौ माता में सारे देवी देवता विराजमान : शर्मा

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