इटारसी। शहर की हॉकी प्रेमी जनता जिस टीम के खेल से प्रभावित हो, उसके प्रति इतनी समर्पित हो जाती है कि यदि उस टीम के खिलाफ कोई निर्णय उसे पसंद नहीं आता तो उसका गुस्सा रेफरी पर भी उतर सकता है, यह आज पहली बार देखने को मिला। वैसे झारखंड से आने वाली टीमों की अनुशासनप्रियता की कायल इटारसी की जनता हमेशा से रही है। यही कारण है कि दानापुर की हार से जनता दुखी हुई तो रांची मेकन की जीत की उम्मीद में कुछ नहीं किया। लेकिन जब रांची मेकन भी हार गई तो रेफरी का एक फैसला जनता का नागवार गुजरा और जैसे ही मैच खत्म हुआ और रेफरी तकनीकि टेबिल की तरफ गया तो जनता ने उस पर बोतल और अन्य सामग्री फैकना शुरु कर दी। कुछ लोग तो हाथापायी पर उतर आए। जैसे-तैसे उस तरफ टेक्निकल कमेटी के सदस्यों ने बचाव किया और कपूरथला के रेफरी अश्वनी कुमार को मंच साइड लेकर आए तो यहां भी एक हॉकी प्रेमी ने रेफरी पर हमला कर दिया। इस सारी कवायद में दूसरा मैच करीब बीस मिनट देरी से प्रारंभ हुआ। दरअसल एक शार्ट कॉर्नर के दौरान रांची के खिलाडिय़ों ने गेंद गोल में डाल दी थी लेकिन रेफरी ने उसे फाउल बताकर गोल नहीं दिया। इससे जनता भड़क गई क्योंकि तब तक रांची एक गोल से पिछड़ रही थी।
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जनता ने गुस्सा किस पर उतारा, सेमीफाइनल में
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