इटारसी। होशंगाबाद जिले के तीन स्थानों पर मिसाइल होली जलायी जाएगी। पर्यावरण सुरक्षा के उद्देश्य को लेकर कुछ वर्ष पूर्व ग्राम सुपरली के किसान योगेन्द्र सिंह सोलंकी ने इसकी शुरुआत की थी। हालांकि उनकी मुहिम को लोगों में जागरुकता के अभाव से अपेक्षित गति नहीं मिली और ना ही प्रशासन की ओर से उनके अभियान को सहयोग मिला। अन्यथा न सिर्फ पर्यावरण में सुधार के प्रयास होते बल्कि हर वर्ष लगभग दो करोड़ क्विंटल लकड़ी जलने से रोककर हम जंगलों को भी बचा पाते।
अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए योगेन्द्र सिंह सोलंकी को कुछ संस्थाओं का सहयोग मिला और इस वर्ष होशंगाबाद में नर्मदांचल युवा मंडल द्वारा सतरस्ते पर काली मंदिर के पास मिसाइल होली जलायी जाएगी। इसी तरह से वे स्वयं अपने गांव सुपरली में और इटारसी में पांचवी लाइन में मिसाइल होली जलायी जाएगी।
दरअसल मिसाइल एक प्रकार से लकड़ी होती है जो गोबर और फसल अवशेष (नरवाई ) से बनायी जाती है। श्री सोलंकी का मानना है कि नरवाई जलाने से रोकने के लिए इसका उपयोग गोबर मिश्रित कर लकड़ी बनाने में किया जाना चाहिए जिससे ईंधन का एक विकल्प तैयार होगा। उनका कहना है कि उन्होंने जो विभिन्न स्रोतों से अध्ययन किया, उनके अनुसार देश के 6 लाख गांवों में 15 लाख होलियां जलती होंगी और शहर में 20 लाख। इस मान से देखा जाए तो प्रति होली 5 क्विंटल के मान से करीब 1.75 करोड़ क्विंटल लकड़ी होली में जलायी जाती होगी। हम होली में लकड़ी जलाकर जंगलों को काटने के दोषी बन रहे हैं। इससे बचने के लिए हमें फसल की नरवाई और गोबर के मिश्रण से लकड़ी की शक्ल देकर होलिका दहन करने की शुरुआत की है।
उल्लेखनीय है कि अपने इस अभियान के अंतर्गत योगेन्द्रपाल सिंह सोलंकी ने मुंबई में मैराथन का आयोजन किया था जहां मायानगरी के कलाकारों ने भी शिरकत की थी। होली मैराथन के माध्यम से वे 200 किलोमीटर सड़कों पर दौड़ भी चुके हैं। श्री सोलंकी का कहना है कि हम होली पर फसलों की नरवाई और गोबर के मिश्रण से लकड़ी तैयार करके जलाएं जिससे जंगलों को बचाया जा सके और पर्यावरण की रक्षा भी की जा सके।
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जिले में तीन स्थानों पर जलेगी मिसाइल होली


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
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