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जीआरपी जवान नहीं दिखते, चोरों का है बोलवाला

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सावधान! मुसाफिरखाने में सक्रिय हैं उठाईगिरे 
इटारसी। यदि आप ट्रेन से कहीं जा रहे हैं, आपके पास कीमती सामान है तो सावधान रहें। रेलवे स्टेशन के मुसाफिरखाने में चोर, जेबकतरे सक्रिय हैं और जीआरपी यहां महज ड्यूटी की खानापूर्ति करती है। मुसाफिरखाने में अक्सर जेब कटने या सामान चोरी होने की घटनाएं होती रही हैं। ऐसी ही एक घटना यहां हो गई जिसमें एक बिहारी परिवार का पर्स चोरी हो गया। हालांकि इसमें उनका कोई अधिक सामान तो नहीं गया लेकिन, खास बात यह है कि जीआरपी ने पहले तो फरियादी को टालने का प्रयास किया लेकिन बाद में केवल आवेदन लेकर रवाना कर दिया।
इटारसी रेलवे जंक्शन का मुसाफिरखाना चोरों, मवालियों का अड्डा बनता जा रहा है। सारा दिन अवैध वेंडरों की यहां धमाचौकड़ी होती है जो अपशब्दों का इस्तेमाल करके अन्य मुसाफिरों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। यह मुसाफिरखाना न होकर ऐसे अवांछित तत्वों का स्थायी ठिकाना बनता जा रहा है। कायदे से यहां जीआरपी जवान की ड्यूटी होनी चाहिए, लेकिन कोई होता नहीं है। जवान ड्यूटी कर रहा है, या नहीं यह देखने वाला भी कोई नहीं होता है। आज दोपहर बिहारी फैमिली ने यह भी दावा किया कि जिसने पर्स उड़ाया है, वह सामने आ जाए तो पहचान लेंगे। उनको एक फोटो एलबम भी दिखाया, लेकिन उसमें उस शख्स की फोटो नहीं थी।

पर्स भी गया और ट्रेन भी निकल गई
बिहार के पटना के रहने वाले मनोज कुमार झा अपनी पत्नी अर्चना कुमारी के साथ शनिवार की शाम को 7:30 बजे पटना जाने के लिए रेलवे स्टेशन आए। उनका ट्रेन 19063 दानापुर एक्सप्रेस से रिजर्वेशन था। ट्रेन लेट थी, वे मुसाफिरखाने में ट्रेन की स्थिति देखने पहुंचे थे, इस दौरान उनकी पत्नी अर्चना कुमारी का पर्स अज्ञात ने उड़ा लिया। पर्स में एक दस हजार रुपए कीमत का मोबाइल, डेढ़ हजार नगद, कागजात, मंगलसूत्र था। पर्स जाने से उनको करीब 15 हजार रुपए का नुकसान हुआ है।

आवेदन लिया, एफआईआर नहीं की
आज दोपहर झा दंपत्ति दोपहर फिर से मुसाफिरखाने पहुंचे थे। श्री झा भारतीय जीवन बीमा निगम में अफसर हैं, जबकि उनकी पत्नी अर्चना कुमारी शिक्षक हैं। उन्होंने आज जीआरपी से संपर्क किया तो उनसे केवल आवेदन लिया है, एफआईआर दर्ज नहीं की है। उन्होंने कहा कि वे चोर को देखकर पहचान लेंगी तो बड़ी मुश्किल से उनको थाने में रखा बदमाशों का एलबम दिखाया गया। हालांकि एलबम में वह युवक नहीं था। बावजूद इसके सवाल यह है कि चोरी की एफआई दर्ज क्यों नहीं की गई?

इनका कहना है…!
वैसे तो मुसाफिरखाने में जवान की ड्यूटी रहती है। घटना के वक्त कोई था या नहीं, यह मैं पता कराता हूं। एफआईआर क्यों नहीं की गई, यह भी दिखवाता हूं।
बीएस चौहान, थाना प्रभारी जीआरपी

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