इटारसी। इस वर्ष महाशिवरात्रि का त्यौहार दो दिन मनाया जाएगा। 13 फरवरी मंगलवार को श्री महाशिवरात्रि व्रत, मासिक शिवरात्रि व्रत, भौम प्रदोष व्रत का आगमन होगा। संस्कृत पाठशाला के प्राचार्य आचार्य पं. विकास शर्मा के अनुसार 2018 में चतुर्दशी तिथि 2 दिन 13-14 फरवरी को पड़ रही है। महाशिवरात्रि के पूजन का शुभ समय 13 फरवरी को आधी रात से शुरू हो जाएगा। जिसका विश्राम 14 फरवरी को प्रात: 7:30 बजे से लेकर दोपहर 03:20 तक होगा। महाशिवरात्रि पर रात्रि में चार बार शिव पूजन का विधान है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद व्रत पारण होता है। इन सभी तथ्यों के आधार पर 13 और 14 फरवरी को महाशिवरात्रि व्रत समान रूप से शुभ फल प्रदायक और अत्यंत श्रेष्ट योगों से से पूर्ण होगा। श्री शर्मा का कहना है कि अपनी श्रद्धा अनुसार भूत भावन भगवान भोलेनाथ का पूजन अर्चन अनुष्ठान करें, किसी तरह के भ्रम में ना रहकर भय और भ्रम को समूल रूप से नाश करने वाले बाबा महाकाल के नाम जप मंत्र जप स्त्रोत्र पाठ आदि द्वारा शिवार्चन प्रसन्नता के साथ संपन्न करें।
उनका कहना है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है, मगर फाल्गुन मास को जो चतुर्दशी पड़ती है, उसकी अर्धरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि पर व्रत और जागरण करने का विधान है। उत्तरार्ध और कामिक के मतानुसार सूर्य के अस्त समय यदि चतुर्दशी हो, तो उस रात को शिवरात्रि कहा जाता है। यह अत्यन्त फलदायक एवं शुभ होती है। आधी रात से पूर्व और आधी रात के उपरांत अगर चतुर्दशी युक्त न हो, तो व्रत धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे समय में व्रत करने से आयु और ऐश्वर्य की हानि होती है। माधव मत से ईशान संहिता में वर्णित है कि जिस तिथि में आधी रात को चतुर्दशी की प्राप्ति होती है, उसी तिथि में मेरी प्रसन्नता से मनुष्य अपनी कामनाओं के लिए व्रत करें।
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दो दिन 13 और 14 को मनेगी महाशिवरात्रि
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