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नरबाई जलाने वालों का सामाजिक बहिष्कार करें – कलेक्टर

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होशंगाबाद। जिले में मिट्टी परीक्षण की सुविधा होने के बावजूद प्रयोगशालाओं में पर्याप्त नमूने परीक्षण के लिए नहीं भेजे जा रहे हैं। सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षण के लिए मिट्टी के 300 नमूने 15 दिवस में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। समय सीमा में लक्ष्य की पूर्ति न करने वालों की नौकरी सुरक्षित नहीं रहेगी। किसान को जिस समय सबसे अधिक आवश्यकता है। उस समय यदि कृषि विभाग के अधिकारियों एवं किसान मित्रों ने उनका साथ नहीं दिया। तो यह अक्षम्य अपराध होगा।
उक्त आशय के विचार कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने जिला स्तरीय रबी इन्टरफेस प्रशिक्षण कार्यशाला में व्यक्त किए। कार्य शाला कृषक प्रशिक्षण केन्द्र पवारखेड़ा में आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि मिट्टी परीक्षण के आधार पर हर किसान को मृदा हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है। इसके आधार पर किसान फसल में खाद एवं बीज का उपयोग करें। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षण के लिए किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेने में लापरवाही न बरतें कलेक्टर ने कहा कि नरबाई जलाना अपराध है। अनाज देने वाली धरती माता में आग लगाकर हम माटी की उर्वरा शक्ति तथा लाभकारी जीवाणु नष्ट कर रहे हैं। यदि नरबाई जलाने की प्रथा बंद नहीं हुई तो कुछ ही शालों में पूरी जमीन बंजर हो जाएगी। नरबाई जलाने वाले किसानों का सामाजिक बहिष्कार करें। जो किसान अपने बेंटे और नाती का दुश्मन होगा। वही नरबाई जलायेगा।
कार्यशाला में कलेक्टर ने कहा कि सभी किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का अनिवार्य रूप से बीमा करायें। किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा होने पर नाम मात्र के प्रीमियम पर बीमा लाभ मिलेगा। यदि बैंक में किसी एक फसल के लिए प्रीमियम दे दिया गया है। तथा किसान ने फसल में परिवर्तन कर लिया है। तो आवेदन पत्र देकर बीमा मे बोई गई फसल के अनुसार परिवर्तन करायें। इसके लिए सभी बैंकों को निर्देश दे दिए गए है। किसान मित्र तथा आरएईओ किसानों तक इसकी पूरी जानकारी पहुंचायें। बीमा में प्रीमियम परिवर्तन की अतिंम तिथि 15 जनवरी से पूर्व आवश्यक होने पर इसमें संशोधन करायें। इसके लिए प्रत्येक विकास खण्ड में संगोष्ठी आयोजित कर किसानों को जानकारी दें। उपसंचालक कृषि ग्रामवार अधिकारियों की ड¬ूटी लगाकर फसल बीमा की कार्यवाही सुनिश्चित करायें। जिससे संकट काल में किसान को किसी तरह की परेशानी न हो।
कलेक्टर ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देने के लिए मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है। योजना में पंजीयन कराने से वंचित किसानो के लिए 25 नवंबर तक पुन: पंजीयन का अवसर दिया गया है। हर पात्र किसान का योजना के तहत पंजीयन करायें। इस योजना के लिए 16 से 31 अक्टूबर तक के विभिन्न अनाजों के मॉडल रेट घोषित कर दिए गए हैं। इसकी सूची हर मंडी तथा हर ग्राम में प्रकाशित करायें। इसके आधार पर किसानों को 25 नवंबर के बाद उनके बैंक खाते में भावांतर की राशि दी जाएगी। कलेक्टर ने जैविक खेती, समर्थन मूल्य में धान खरीदी, के संबंध में भी किसानों को जानकारी दी।
कार्यशाला में उपसंचालक कृषि श्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों तक खेती की नयी तकनीक पहुचाने के लिए लगातार प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष 39 हजार 500 मिट्टी परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में चना प्रदर्शन का लक्ष्य पर्याप्त प्राप्त हुआ है। किसान इसका लाभ लें। कम सिंचाई में अच्छा उत्पादन देनी वाली गेहूं की किस्मों के बीज उपलब्ध हैं। कार्यशाला में जिला परियोजना प्रबंधक आत्मा श्री एम.एल दिलबारिया ने कहा कि मिट्टी परीक्षण के सर्वाधिक नमूने लाने वाले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को गणतंत्र दिवस में पुरस्कृत किया जाएगा। कार्यशाला में प्राचार्य कृषि महाविद्यालय तथा कृषि विज्ञान कॉलेज उन्नत खेती की जानकारी दी। कार्यशाला में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसान मित्र तथा किसान दीदी शामिल रहीं।

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